रावण, मेघनाद के पुतले जलते लोग बोले 'जय श्रीराम'
दशहरा पर्व जिला भर में धूमधाम के साथ मनाया गया। दशहरा पर्व पर विभिन्न स्थानों पर रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले जलाए गए।
संवाद सहयोगी, चंबा : दशहरा पर्व जिलाभर में शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया। विभिन्न स्थानों पर रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले जलाए गए। लोगों द्वारा भगवान से सुख व शांति की कामना की गई। जिला मुख्यालय चंबा में रावण सहित मेघनाद व कुंभकर्ण का अंत किया गया। इस दौरान लोगों ने जय श्रीराम के जयघोष लगाए।
इससे पूर्व शहर में शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें सदर विधायक पवन नैय्यर सहित अन्य लोगों ने शिरकत की। शोभायात्रा चौगान स्थित कला केंद्र से निकली। इसके उपरांत पूरे शहर का चक्कर लगाकर दोबारा चौगान पहुंची। चौगान में पहुंचने के बाद भगवान श्रीराम ने पहले कुंभकर्ण का पुतला जलाया, उसके बाद मेघनाद और अंत में रावण का पुतला जलाया गया। इसके बाद लोग पुतलों का कुछ अंश अपने घरों को भी लेकर गए। मान्यता है कि पुतले का अंश घर में रखना समृद्धि का संदेश देता है। अमृतसर निवासी गंगा राम ने इस बार रावण का पुतला 55 फीट का बनाया था। जबकि मेघनाद व कुंभकर्ण का पुतला पचास-पचास फीट का था। पिछले साल की अपेक्षा इस बार पुतलों को पांच-पांच फीट बढ़ाया गया था। इससे पहले लगातार नौ दिन तक चौगान स्थित कला केंद्र में श्री रामलीला का मंचन हुआ। रामलीला मंचन को देखने के लिए काफी तादाद में भीड़ रोजाना पहुंची।
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50 साल से लगातार हो रहा रामलीला का मंचन
ऐतिहासक चौगान में चलने वाली रामलीला का इतिहास काफी पुराना है। करीब 50 वर्षो से यहां पर लगातार रामलीला का मंचन हो रहा है। इसका मंचन पौराणिक तरीके से ही होता है। इसके कुछ कलाकार ऐसे हैं जोकि कई वर्षो से इसमें अहम किरदार निभा रहे हैं। ऐसे ही एक पात्र अमरीश महाजन भी हैं, जोकि लगातार 40 वर्षो से रावण का किरदार निभा रहे हैं। साथ ही 30 वर्षो से दशरथ की भूमिका भी बखूबी निभा रहे हैं। वह दस वर्षो तक लक्ष्मण और दस वर्षो तक इंद्र देव का किरदार निभाकर भी दर्शकों का खूब मनोरंजन कर चुके हैं। अशोक महाजन एक वर्ष कौशल्या, दो वर्ष भरत, छह वर्ष लक्ष्मण और सात वर्ष हनुमान का किरदार निभा चुके हैं। वहीं विजय महाजन वर्ष 1977 से क्लब से जुड़े हैं। उन्होंने 40 वर्षो तक लगातार कुंभकर्ण का किरदार निभाया। साथ ही राजा जनक का किरदार वह 38 वर्षो से निभाते आ रहे हैं। सतीश महाजन शत्रुघ्न, भरत, लक्ष्मण और भगवान राम का किरदार निभा रहे हैं। बहरहाल, सभी वरिष्ठ सदस्य युवाओं को अपनी संकृति से रूबरू करवाने में दशकों से कार्य कर रहे हैं।