पेयजल योजना में मृत मिला मवेशी

By Edited By: Publish:Mon, 01 Sep 2014 01:01 AM (IST) Updated:Mon, 01 Sep 2014 01:01 AM (IST)
पेयजल योजना में मृत मिला मवेशी

हरिओम वैद्य, जुखाला

जनता को स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने के बड़े बड़े दावों में कितनी हकीकत है इस बात का पता रविवार को जुखाला में आइपीएच विभाग की एक पेयजल योजना में देखने को मिला। आइपीएच विभाग की उठाऊ पेयजल योजना सायर डोबा करोट में ऐसा मामला सामने आया जिसे देख कर सभी भौचक्के रहे गए। आइपीएच विभाग की इस योजना के निकट एक मवेशी मरा पड़ा था।

जुखाला क्षेत्र के जब्बल गांव में आइपीएच विभाग ने डोबा व रानीकोटला पंचायतों के लिए उठाऊ पेयजल योजना बनाई है। योजना से इन दोनों पंचायतों के करीब 15 गावों के लगभग 12000 लोगों को पानी की आपूर्ति की जाती है। स्थानीय लोगो ने बताया की पिछले कुछ दिनों से पानी में बदबू आ रही थी। उन्होंने पेयजल योजना स्थल का दौरा किया और पाया कि विभाग से पेयजल आपूर्ति कर रहा था, वहां निकट एक मवेशी मरा पड़ा है। इसके कंकाल शेष बचे थे। मौके पर पहुंचे लोगों के अधिकारियों को सूचित करना चाहा, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल

योजना में मवेशी का शव मिलने से विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वर्ष 2010 में बनी इस पेयजल योजना के लिए अलीखड्ड में योजना से करीब 150 मीटर दूर एक पंप हाउस बनाया गया है, जहा से इस योजना को पानी पहुंचाया जाता है। पंप से मात्र 100 मीटर की दूरी पर कूहल के बीचों बीच मवेशी का गला सड़ा शव पड़ा हुआ था।

पिछले टैंक में मरा था बंदर

पिछले वर्ष भी जिले में एक पेयजल योजना के टैंक में एक बंदर मरा हुआ पाया गया था। विभाग ने इस पानी की आपूर्ति लोगों को कर दी थी। इसके बाद पूरा गांव डायरिया की चपेट में आ गया था।

भाजपा के पूर्व मंडलाध्यक्ष प्रेम लाल रानीकोटला पंचायत के प्रधान मनोहर लाल चौहान, उपप्रधान राज कुमार श्याम लाल, हरि राम किशोरी लाल जोगिंद्र पाल, राज कुमार, सुरेन्द्र राम लाल, लबली, जगत पाल, नरेश चैत, राम कृष्ण दास, वीनू का कहना है कि यह दूषित पानी पिछले 15 दिनों से आ रहा है। उन्होंने प्रशासन से माग की है की लोगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

मामले की होगी जांच : एसडीओ

आइपीएच विभाग के एसडीओ इंद्र सिंह वर्मा ने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में नहीं है। इस बारे में वह जांच करेंगे। अगर किसी कर्मचारी की कोताही पाई गई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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