डायबेसिटी में लाजवाब है बैरियाट्रिक सर्जरी

जो लोग डायबिटीज (मधुमेह) के साथ ओबीसिटी (मोटापे) से भी ग्रस्त हैं, उन लोगों की इस स्थिति को मेडिकल भाषा में डायबेसिटी कहा जाता है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 02 Aug 2016 08:53 AM (IST) Updated:Tue, 02 Aug 2016 09:10 AM (IST)
डायबेसिटी में लाजवाब है बैरियाट्रिक सर्जरी

डायबिटीज के साथ मोटापा कई स्वास्थ्य समस्याओं को बुलावा देता है। वैसे भी मोटापा आपकी सेहत का दुश्मन है। उदाहरण के लिए अतिरिक्त वजन का प्रत्येक दस किलोग्राम जीवन के तीन वर्ष घटा देता है। 50 किग्रा. अतिरिक्त वजन रखने वाला मोटा व्यक्ति अपने जीवन के लगभग 15 वर्ष पहले ही घटा चुका है। अगर उसे डायबिटीज (मधुमेह) है, तो उसका जीवन 8 साल और कम हो जाता है। डाइबेसिटी के कारण होने वाली अन्य समस्याओं (हाई ब्लड प्रेशर, हदय रोग, जोड़ों का दर्द और कैंसर आदि) के होने का जोखिम बढ़ जाता है।
बात उपचार के विकल्पों की
उपचार के संदर्भ में डायबिटीज और मोटापा दोनों पर समान रूप से फोकस करना चाहिए। दुनियाभर में डायबिटीज की समस्या बढ़ती जा रही है, इस संदर्भ में मोटापे और डायबिटीज को नियंत्रण में रखने के लिए सर्जिकल विधि पर फोकस करना वक्त का तकाजा है। बैरियाट्रिक सर्जरी से अत्यधिक मोटापे का उपचार उन लोगों के लिए एक विकल्प है, जिन्हें मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। महिलाओं में 32 बीएमआई और पुरुषों में 37 बीएमआई वालों को मोटा माना जाता है।
मोटापे का आकलन
कोई व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है, तो इसका पता बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई)टेस्ट के जरिये लगाया जाता है। बीएमआई के आकलन का एक फार्मूला है, जो इस प्रकार है
बीएमआई = वजन (किग्रा.) /(लंबाई मी.)2 उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति का वजन 125 किग्रा. और उसकी ऊंचाई या लंबाई 1.6 मीटर है, तो इस फार्मूले के आधार पर बीएमआई की गणना इस तरह 125/(1.6 गुणा 31.6)= 48.8 की जाएगी। इस शख्स का बीएमआई 48.8 है।
क्या है बैरियाट्रिक सर्जरी
मोटापा कम करने से संबंधित बैरियट्रिक सर्जरी एक जीवनरक्षक सर्जरी है। मधुमेह से ग्रस्त अधिक वजन वाले व्यक्तियों के लिए बैरियाट्रिक सर्जरी उत्साहवर्द्धक परिणाम दे रही है। बैरियाट्रिक सर्जरी मोटापे की जटिल स्थिति के इलाज में संभावनाओं के नए दरवाजे खोल चुकी है। मोटापे से ग्रस्त कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें डाइट कंट्रोल और व्यायाम आदि करने के बाद भी अपेक्षित नतीजे नहींमिलते। ऐसे लोगों के लिए यह सर्जरी उम्मीद का एक नया विकल्प है। बीएमआई के अनुसार अगर किसी व्यक्ति का वजन 30 से 35 किलोग्राम ज्यादा है, तो उनके लिए मोटापा नियंत्रित करने का आपरेशन (बैरियाट्रिक सर्जरी) किया जाता है। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की प्रक्रिया पेट और आंतों पर की जाती है। इस सर्जरी के जरिये पेट को छोटा कर दिया जाता है। इस कारण पेशेंट भूख महसूस नहीं करता और थोड़ा- सा भोजन करने के बावजूद वह तृप्त या भरा पेट महसूस करता है। ऑपरेशन की कुछ प्रक्रियाओं के जरिये आंतों को नए सिरे से व्यवस्थित (रीअरेंज्ड) किया जाता है ताकि आंतें वसा और कार्बोहाइडे्रट्स का कम मात्रा में अवशोषण कर सकें। इस सर्जरी के बाद पेशेंट को कई लाभ हासिल होते हैं। जैसे जो रोगी मधुमेह से ग्रस्त हैं, उनकी स्थिति में संतोषजनक सुधार होता है। ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है और जो लोग जोड़ों के दर्द से ग्रस्त हैं, उनके दर्द में भी कमी आती है। कहने का आशय यह है कि पेशेंट के जीवन की गुणवत्ता में आश्चर्यजनक रूप से सुधार होता है।
डायबिटीज फेडरेशन का समर्थन
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन ने सन् 2012 में डायबिटीज के साथ मोटापे से ग्रस्त लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए बैरियाट्रिक सर्जरी का समर्थन किया है। डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार बैरियाट्रिक सर्जरी टाइप 2 डाइबिटीज और मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए उपयुक्त उपचार है। इस सर्जरी के बाद लोगों द्वारा ली जाने वाली डाइबिटीज की दवाएं या इंसुलिन की मात्रा तुरंत या धीरे-धीरे कम होने लगती है। अध्ययनों से यह सिद्ध हुआ है कि बैरियाट्रिक सर्जरी के अंतर्गत शुमार की जाने वाली गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी के बाद वजन में काफी कमी दर्ज की गयी। इस सर्जरी के बाद 84% मरीजों में डाइबिटीज को नियंत्रित करने में मदद मिली है।

इन समस्याओं में भी राहत

डाइबिटीज के साथ मोटापा कई समस्याएं पैदा कर सकता है। इन समस्याओं को दूर करने में बैरियाट्रिक सर्जरी अच्छे परिणाम दे रही हैं। जैसे...

वजन में कमी से टाइप-2 डाइबिटीज में राहत मिलती है। हाई ब्लड प्रेशर के नियंत्रण में मदद। ओवरी में कई सिस्ट होने की समस्या से बचाव में सहायक। संतानहीनता दूर करने में सहायक। दिल के रोगों से बचाव। जोड़ों का दर्द और खर्राटे की समस्या में राहत।

डॉ.प्रदीप चौबे प्रख्यात बैरियाट्रिक सर्जन मैक्स हॉस्पिटल, नई दिल्ली
प्रस्तुति: विवेक शुक्ला

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