डायबिटीज के मरीज तो कराते रहें नियमित आंखों का चेकअप वरना...
मधुमेह के ज्यादातर मरीजों में रेटिनोपैथी की आखिरी स्टेज आने तक भी पता नहीं चलता और तब तक उचित इलाज की संभावना भी कम रह जाती है।
अगर आप मधुमेह (डायबिटीज)से पीड़ित है तो आपको एक निश्चित अंतराल के बाद अपनी आंखों का चेकअप कराते रहना चाहिए। क्योंकि मधुमेह के ज्यादातर मरीजों में रेटिनोपैथी की आखिरी स्टेज आने तक भी पता नहीं चलता और तब तक उचित इलाज की संभावना भी कम रह जाती है। बीमारी फैलने की रफ्तार तेज हो सकती है, इसलिए रेटिनल रोग का ध्यान रखने के लिए मधुमेह रोगियों की नियमित जांच होती रहनी चाहिए।
डॉक्टरों के मुताबिक आखों, दिल के रोगों, छोटी रक्त शिराओं के क्षतिग्रस्त होने के बेहद शुरुआती संकेत अन्य लक्षणों के नजर आने से पहले ही देती हैं।रेटिनोपैथी वाले मधुमेह रोगियों की इस रोग के बिना वाले लोगों की तुलना में अगले बारह सालों में मौत होने की संभावना होती है।
आस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी और यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबोर्न व नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के अध्ययनों के मुताबिक, इस रोग से जो लोग पीड़ित नहीं है, उनकी तुलना में रेटिनोपैथी वाले रोगियों की दिल की बीमारी से मौत होने की संभावना करीब दोगुनी होती है।आंखों में बदलाव से पीड़ितों को यह चेतावनी मिल सकती है कि उनकी रक्त धमनियों को क्षति पहुंच रही है और उनके लोअर कोलेस्ट्रॉल और लोअर ब्लडप्रेशर पर असर हो रहा है।
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