छह वर्ष बाद भी बैसाखी पर एफडीए

संजीव कांबोज, यमुनानगर लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को लेकर छह वर्ष पहले बना फूड एंड ड्र

By Edited By: Publish:Thu, 13 Oct 2016 01:16 AM (IST) Updated:Thu, 13 Oct 2016 01:16 AM (IST)
छह वर्ष बाद भी बैसाखी पर एफडीए

संजीव कांबोज, यमुनानगर

लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को लेकर छह वर्ष पहले बना फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) आज भी बैसाखियों पर है। कानून केवल फाइलों तक सीमित है और सरकार की योजना को धरातल नहीं मिल पाया। प्रदेश में आधे से अधिक खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के पद रिक्त पड़े हैं और एसएमओ या अन्य स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी खाद्य पदार्थो के सैंपल लेने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में मिलावट खोर अधिक सक्रिय हो रहे हैं। फेस्टीवल सीजन है और बाजार में क्या बिक रहा है। इस नजर किसी की भी नहीं है।

दिसंबर, 2010 में सरकार ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट (एफएसए) में काफी फेरबदल किया था। नई योजना के तहत खाद्य और पेय पदार्थो की शुद्धता जांचने के लिए सैंप¨लग का जिम्मा फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) को सौंप दिया गया था। खाद्य निरीक्षकों को खाद्य सुरक्षा अधिकारी का ओहदा दे दिया था और जिला स्तर पर डेग्निेटेड ऑफिसर का पद सृजित किया था। इसके अतिरिक्त कार्यालय और अन्य आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने की भी योजना थी। कानून में फेरबदल तो अवश्य किया, लेकिन सिस्टम में सुधार करना शायद मुनासिब नहीं समझा गया। आज भी एफडीए बेसहारा है। जिस उद्देश्य के लिए योजना को धरातल दिया गया था, वह पूरा नहीं हो पा रहा है। हालात यह हैं कि प्रदेश में न तो पूरे खाद्य सुरक्षा अधिकारी हैं और डेजिग्नेटिड ऑफिसर का पद भी आज तक नहीं भरा गया। संबंधित जिलों के सीएमओ पर डेजिनेटिड ऑफिसर का अतिरिक्त कार्य भार है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों पर खाद्य और पेय पदार्थो के सैंपल लेने का जिम्मा तो है ही साथ ही कोर्ट का काम भी काफी है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी एक नहीं, बल्कि दो-दो जिलों का कार्यभार संभाले हुए हैं। खास बात यह है कि पद साल-छह महीने से नहीं बल्कि लंबे अरसे से खाली पड़े हैं। यमुनानगर की बात की जाए जो जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. प्रेम ¨सह के पास हिसार जिला भी है। कार्यवाहक सीएमओ डॉ. रमेश कुमार ने बताया कि जिले में जल्दी ही खाद्य पदार्थो के सैंपल लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

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