देश में प्रतिदिन पैदा होते 72 हजार बच्चे, 24 हजार व्यक्तियों की होती मृत्यु: डॉ. कुलदीप

राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत जिला स्तरीय कार्यशाला बृहस्पतिवार को ग्रे-पेलिकन रिसोर्ट में हुई। इसमें गुणवत्ता आधारित बंदीकरण सेवाओं के लिए प्रोत्साहित किया। अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप ¨सह ने की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 Dec 2018 06:15 PM (IST) Updated:Thu, 27 Dec 2018 10:47 PM (IST)
देश में प्रतिदिन पैदा होते 72 हजार बच्चे, 24 हजार व्यक्तियों की होती मृत्यु: डॉ. कुलदीप
देश में प्रतिदिन पैदा होते 72 हजार बच्चे, 24 हजार व्यक्तियों की होती मृत्यु: डॉ. कुलदीप

जागरण संवाददाता, यमुनानगर: राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत जिला स्तरीय कार्यशाला बृहस्पतिवार को ग्रे-पेलिकन रिसोर्ट में हुई। इसमें गुणवत्ता आधारित बंदीकरण सेवाओं के लिए प्रोत्साहित किया। अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप ¨सह ने की।

सिविल सर्जन ने बताया कि देश में प्रतिदिन 72 हजार बच्चे पैदा होते हैं तथा 24 हजार व्यक्तियों की मृत्यु होती है। प्रतिदिन 48 हजार जनसंख्या की वृद्धि हो जाती है। नई तकनीक में बिना चीरा, टांके के पुरूष नसबंदी (एनएसवी) होती है। भारत विश्व में पहला ऐसा देश है, जहां 1952 में परिवार नियोजन कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विजय दहिया ने परिवार नियोजन की गुणवत्ता पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुति दी। उन्होंने लाभार्थी को विश्वास में लेकर उसकी सुविधा अनुसार बेहतर परिवार नियोजन सुविधाएं देने बारे बताया। नलबंदी, नसबंदी, कॉपर-टी, ओरल पिल्स, निरोध, अंतरा टीका व छाया गोली जैसे परिवार नियोजन की विधियों की जानकारी दी। साधन का चयन, गोपनियता, परामर्श व निर्धारीत मापदंडों के अनुसार उपचार लाभार्थी के मौलिक अधिकार हैं। उप सिविल सर्जन परिवार कल्याण डॉ. पूनम दहिया ने कहा कि परिवार कल्याण कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी ही अधिक रहती थी, लेकिन धीरे-धीरे पुरुषों की सहभागीता बढ़ रही है। जिला में 15 दिन का परिवार कल्याण पखवाड़ा लगाया गया। इसमें कुल 102 परिवार नियोजन किए गए, जिसमें से 27 एनएसवी केस थे। राज्य में जिला प्रथम पायदान पर रहा। कार्यशाला में डॉ. विजय परमार, डॉ. विजय विवेक, डॉ. वागेश गुटेन, डॉ. अनुराधा, डॉ. सरिता गुलाटी, डॉ. शिवेंद्र ¨सह, डॉ. मीनू कांबोज, डॉ. अनुप गोयल, डॉ. गीतांजली, डॉ. सुमिता, डॉ. विपुल गोयल, डॉ. वीपी मान, सुदेश कांबोज, सुनील कांबोज, मोहित त्यागी, जो¨गद्र कौर आदि उपस्थित थे।

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