डीसीआरयूएसटी में शोधार्थियों के लिए उपलब्ध होंगे वैश्विक स्तर के ई-जर्नल

मुरथल स्थित दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी) में विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए वैश्विक स्तर के ई-जर्नल उपलब्ध होंगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Sep 2019 05:06 PM (IST) Updated:Fri, 20 Sep 2019 05:06 PM (IST)
डीसीआरयूएसटी में शोधार्थियों के लिए उपलब्ध होंगे वैश्विक स्तर के ई-जर्नल
डीसीआरयूएसटी में शोधार्थियों के लिए उपलब्ध होंगे वैश्विक स्तर के ई-जर्नल

जागरण संवाददाता, सोनीपत : मुरथल स्थित दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी) में विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए वैश्विक स्तर के ई-जर्नल उपलब्ध होंगे। अब किसी भी समय बैठकर शोधार्थी ई-जर्नल का अध्ययन कर सकेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन पुस्तकालय में शोधार्थियों की ज्ञान की क्षमता में वृद्धि करने के लिए 1.41 करोड़ रुपये के ई-जर्नल की खरीद करेगा। साथ ही विद्यार्थियों के लिए करीब 63 लाख रुपये की ई-बुक्स व प्रिटेड बुक्स भी खरीदी जाएंगी।

विश्वविद्यालय में शुक्रवार को पुस्तकालय कमेटी की बैठक कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष व पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. मेहर सिंह ने हिस्सा लिया। इस दौरान पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. मेहर सिंह ने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी। साथ ही कमेटी ने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय के लिए दो करोड़ रुपये का बजट अनुमोदन किया।

पुस्तकालयाध्यक्ष के अनुसार जल्द ही विद्यार्थियों को ई-जर्नल व ई-बुक्स का लाभ मिलेगा। अब विद्यार्थी और शोधार्थी किसी भी समय विश्वविद्यालय में बैठकर ई-जर्नल व ई-बुक्स को अपने मोबाइल और लेपटॉप में खोलकर अपने ज्ञान की वृद्धि कर सकते हैं।

विश्वविद्यालय ने निर्णय लिया है कि विद्यार्थियों और शोधार्थियों को विश्व के हर स्थान पर ई-जर्नल व ई-बुक्स की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। इसके लिए विश्वविद्यालय के पुस्तकालय द्वारा विद्यार्थियों और शोधार्थियों को यूजर नेम और पासवर्ड उपलब्ध करवाया जाएगा, ताकि वे स्वाध्याय कर स्वयं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर सकेंगे।

इस दौरान विवि के कुलपति प्रो. अनायत ने कहा कि पुस्तकालय विश्वविद्यालय के ज्ञान का भंडार होता है। अनुसंधान की गुणवत्ता के लिए शोध ग्रंथ व पुस्तकों का पुस्तकालय में होना आवश्यक है। इसी के तहत विवि ने विद्यार्थियों को यह सुविधा देने का निर्णय लिया है।

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