नए आदर्श स्थापित करने वाले थे गुरु तेग बहादुर : राजीव जैन

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि गुरु तेग बहादुर महाराज ने आध्यात्मिकता, सामाजिक, आर्थिक व उन्नयन के लिए निरंतर रचनात्मक कार्य किए। इसके अलावा रूढिवाद और अंधविश्वास की आलोचना कर नए आदर्श भी स्थापित किए। आज हमें विशेषकर युवाओं को उनकी विचारधारा को अपनाते हुए उनके दिखाए रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए। वह शुक्रवार सुबह दिल्ली से गुरु तेग बहादुर की शहीदी यात्रा में सोनीपत पहुंचे जत्थेबंदियों का स्वागत करने के उपरांत श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 04:50 PM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 04:50 PM (IST)
नए आदर्श स्थापित करने वाले थे गुरु तेग बहादुर : राजीव जैन
नए आदर्श स्थापित करने वाले थे गुरु तेग बहादुर : राजीव जैन

जागरण संवाददाता, सोनीपत : मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि गुरु तेग बहादुर महाराज ने आध्यात्मिकता, सामाजिक, आर्थिक व उन्नयन के लिए निरंतर रचनात्मक कार्य किए। इसके अलावा रूढ़ीवाद और अंधविश्वास की आलोचना कर नए आदर्श भी स्थापित किए। आज हमें विशेषकर युवाओं को उनकी विचारधारा को अपनाते हुए उनके दिखाए रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए। वह शुक्रवार सुबह दिल्ली से गुरु तेग बहादुर की शहीदी यात्रा में सोनीपत पहुंचे जत्थेबंदियों का स्वागत करने के उपरांत श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।

सिखों के नवें गुरू तेग बहादुर महाराज के शहीदी दिवस पर रंगरेटा निहंग ¨सघ जत्थेबंदियों की ओर से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की रहनुमाई में पंच प्यारों की अगुवाई में निशान साहिब और नगाडों की गूंज में दिल्ली से प्रारंभ शहीदी यात्रा शुक्रवार को गुरुद्वारा श्री बढ़खालसा पहुंची। जत्थेदार बाबा मेजर ¨सह सोढ़ी, बाबा बलदेव ¨सह बल्ला, ज¨तद्र पाल ¨सह, संतोख ¨सह गुमटाला और 400 श्रद्धालुओं का मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन एवं महा बलिदानी कुशाल ¨सह दहिया के वंशजों ने स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने पंज प्यारों को सिरोपा भेंट कर उनका अभिनंदन किया। राजीव जैन ने कहा कि आज हमारे युवाओं को उनके राष्ट्र की अखंडता को मजबूत करने और समाज को खंडित करने वालों से सावधान होकर उनका पर्दाफाश करना चाहिए, ताकि हमारा देश विकास मार्ग पर सबसे आगे रहे। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर के बलिदान उपरांत उनके शीश को सही सलामत श्री कीरतपुर साहिब लेकर जाने वाले जत्थेबंदियों के प्रयास को बढ़खालसा के महा बलिदानी कुशाल ¨सह दहिया ने अपने प्राण न्यौछावर कर सुनिश्चित किया था। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक डॉ. मनोज राय, कुशाल ¨सह दहिया के वंशज वीरेंद्र बढ़खालसा, सूरजभान, रमेश दहिया, रणजीत ¨सह आदि मौजूद रहे।

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