उद्योगपतियों की समस्याओं को लेकर सीएम को लिखा पत्र

जागरण संवाददाता, रोहतक : स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष केएल चावला ने मुख्यमंत्री मन

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Feb 2017 07:24 PM (IST) Updated:Sun, 26 Feb 2017 07:24 PM (IST)
उद्योगपतियों की समस्याओं को लेकर सीएम को लिखा पत्र
उद्योगपतियों की समस्याओं को लेकर सीएम को लिखा पत्र

जागरण संवाददाता, रोहतक :

स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष केएल चावला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर उद्योगपतियों पर हो रही ज्यादतियों के बारे में ध्यान दिलवाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश में तबाह होते औद्योगिक उत्पादन पर तुरंत गौर कर उद्योगपतियों को उजड़ने से बचाया जाए तथा इस संबंध में एसोसिएशन के पदाधिकारियों को मिलने का समय देकर उनकी समस्याओं को दूर किया जाए।

अध्यक्ष केएल चावला ने पत्र में कहा कि पिछले चार सालों से प्रदेश की औद्योगिक इकाइयां मंदी के दौर से गुजर रही हैं और दिन-प्रतिदिन उनकी हालत खस्ता होती जा रही है। तकरीबन आठ हजार इकाइयां बंद पड़ी हैं। जिनको अभी तक कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है। केएल चावला ने बताया कि हरियाणा सरकार ने 14-8-2015 को नोटिफिकेशन जारी करके 15-8-2015 से औद्योगिक नीति लागू कर दी है। जिसमें हरियाणा की एमएसएमई की इकाईयों को सरकारी टैंडरों में खरीद प्राथमिकता देने और 20 प्रतिशत सामान एमएसएमई सेक्टर के लिए आरक्षित रखी गई है। लेकिन 16 माह बीतने के बाद भी इस नीति को सरकारी खरीद में लागू नहीं किया गया है। पत्र में मांग की गई है कि इस औद्योगिक नीति को तुरंत सरकारी खरीद में अमली जामा पहनाया जाए ताकि प्रदेश की इकाइयों को लाभ मिले और सरकार को राजस्व की प्राप्ति हो सके।

केएल चावला ने बताया कि इसके अलावा 28-4-2015 को भारत सरकार के सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्री कलराज मिश्र ने एक डीओ जारी कर भारत सरकार के सभी मंत्रियों को सूचित किया है कि एक अप्रैल 2015 से सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) पालिसी को अनिवार्य कर दिया गया है। भारत सरकार ने अपने सभी मंत्रालयों में इस पालिसी को एक अप्रैल, 2015 से लागू कर सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भी लागू करने के लिए सूचित किया गया है। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर तरह के उद्योग स्थापित हैं और वे गुणवत्ता के हिसाब से माल बनाते हैं। सरकार जो भी माल खरीदे, वह अपने प्रदेश के उद्योगों से खरीदे ताकि सरकार को राजस्व मिले और लोगों को रोजगार मिल सके। उन्होंने मुख्यमंत्री से बैठक के लिए समय भी मांगा है।

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