मकान की दीवारों के बाद फर्श में भी आई दरारें

रोहतक : तेज कॉलोनी में सीवर लाइन धंसने के चलते मकान के बाद सोमवार को फर्श में भी दरारें आ गई। इसके चलते लोग दूसरे दिन भी अपने घर में नहीं घुसे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 Dec 2018 06:00 AM (IST) Updated:Tue, 04 Dec 2018 06:00 AM (IST)
मकान की दीवारों के बाद फर्श में भी आई दरारें
मकान की दीवारों के बाद फर्श में भी आई दरारें

जागरण संवाददाता, रोहतक : तेज कॉलोनी में सीवर लाइन धंसने के चलते मकान के बाद सोमवार को फर्श में भी दरारें आ गई। इसके चलते लोग दूसरे दिन भी अपने घर में नहीं घुसे। उधर, घर के नीचे बने सुरंगनुमा गहरे गढ्डे को सोमवार को भी पूरी तरह से नहीं पाटा गया है। इसके चलते स्थानीय लोगों में रोष बना हुआ है। पीड़ितों का कहना है कि इस मामले की गहराई से जांच न कराकर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। उनका कहना है कि इस मामले में मंगलवार को सीएम ¨वडो पर शिकायत दर्ज कराने के साथ ही जिला उपायुक्त से भी फरियाद की जाएगी। वहीं, जमीन धंसने को लेकर अधिकारियों और पीड़ितों की अलग-अलग राय है।

सोमवार दोपहर जांच के लिए जनस्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। अधिकारियों ने जांच के बाद पीड़ित के मकान में सबमर्सिबल पाया। अधिकारियों का तर्क है कि सबमर्सिबल के गढ्डे और सीवरेज लीकेज के चलते मिट्टी धंस गई। वहीं, पीड़ितों का तर्क है कि मकान में 115 फुट की गहराई पर सबमर्सिबल लगा है। ऐसे में गढ्डा ऊपर कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों का तर्क गुमराह करने वाला है। खोखराकोट की ऐतिहासिक महत्व की जमीन होने के कारण उन्होंने पुरातत्व विभाग से भी इस मामले में जांच कराने की मांग की है। सीवर लाइन धंसने से बने करीब 20 फुट गहरे गड्ढे में पांच ट्राली मिट्टी डलवाई गई थी, लेकिन गढ्डा अभी तक पूरी तरह से भरा नहीं है। गली में सीवर लाइन धंसने से घर की दीवारों के बाद आज फर्श में भी दरारें आ गई। एक अन्य मकान की दीवारों में भी दरारें आ गई। इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। कालोनी के लोग मंगलवार को जिला उपायुक्त से मिलकर फरियाद करेंगे। वहीं, सीएम ¨वडो पर भी शिकायत दर्ज कराई जाएगी। दूसरे दिन भी घर से बाहर रहना पड़ा है।

- दलबीर सिंह, पीड़ित विभाग की टीम मेरे नेतृत्व में सोमवार को भी तेज कालोनी गई थी। प्राथमिक स्तर पर जांच में पता चला कि सीवरेज लाइन लीकेज और मकान में सबमर्सिबल होने के चलते जमीन धंसी थी। गड्ढे में मिट्टी डलवा दी गई है और उसे भर दिया गया है। सीवरेज लाइन को भी जुड़वा दिया जाएगा।

- बिजेंद्र ¨सह, कार्यकारी अभियंता, जनस्वास्थ्य विभाग

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