हरियाणा में भू-जल स्थिति के आधार पर गांवों को श्रेणियों में बांटा, कहीं आपका गांव भी इस लिस्ट में तो नहीं

हरियाणा में प्रदेश सरकार ने भूजल की स्थिति के आधार पर गांवों का सात श्रेणियों में वर्गीकरण किया है। गंभीर भू-जल संकट से जूझ रहे गांवों को रेड जोन में रखा गया है। जल संसाधनों के संरक्षण विनियमन और प्रबंधन को लेकर एक जनादेश जारी किया है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Tue, 18 Jan 2022 03:50 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jan 2022 03:50 PM (IST)
हरियाणा में भू-जल स्थिति के आधार पर गांवों को श्रेणियों में बांटा, कहीं आपका गांव भी इस लिस्ट में तो नहीं
हरियाणा में भू-जल स्थिति के आधार पर गांवों को श्रेणियों में बांटा।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। प्रदेश सरकार ने हरियाणा जल संसाधन (संरक्षण विनियमन और प्रबंधन) प्राधिकरण स्थापित किया है। हरियाणा जल संसाधन अधिनियम 2020 के तहत जिले को श्रेणियों में विभाजित कर  जल संसाधनों (भूजल और सतही जल) के संरक्षण, विनियमन और प्रबंधन एवं प्रासंगिक मानदंडों के आधार पर एक जनादेश दिया जा रहा है। हरियाणा जल संसाधन (संरक्षण, विनियमन और प्रबंधन) प्राधिकरण अधिनियम की धारा 11 (2) के तहत हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की सिफारिश पर प्रदेश को भूजल स्तर की स्थिति के आधार पर सात विभिन्न श्रेणियों में गांव अनुसार वर्गीकरण को मंजूरी दी है। इस वर्गीकरण के आधार पर गंभीर रुप से भूजल संकटग्रस्त गांव को लाल रंग की श्रेणी में शामिल किया गया है। 

विभिन्न रंगों में दिखाए गए हैं भू-जल संकटग्रस्त गांव 

इसी प्रकार मध्यम भूजल संकटग्रस्त गांव को गुलाबी, संभावित भूजल संकटग्रस्त गांव को हल्का हरा, संतोषजनक भूजल क्षमता वाले गांव को हरा, सेम ग्रस्त गांवों के लिए बफर जोन (मध्यवर्ती क्षेत्र) को पीला, सेमग्रस्त गांव को बैंगनी व गंभीर रुप से सेमग्रस्त गांव को नीला रंग की श्रेणी में रखा गया है। यह वर्गीकरण जून 2020 भूजल स्तर तालिका की गहराई की स्थिति पर आधारित है। 

जिले की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है गांवों की सूचना 

कुरुक्षेत्र के सभी गांवों की सूचना अनुलग्नकों के साथ प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट एचडब्ल्यूआरएओआरजी-इन पर उपलब्ध है। अनुलग्नक ए व्यापक वर्गीकरण के आधार को दर्शाता है। अनुलग्नक बी जून 2020 तक भूजल स्तर के आधार पर गांवों के वर्गीकरण को इंगित करता है। अनुलग्नक सी जून 2010 से जून 2020 तक भूजल स्तर तालिका में उतार चढ़ाव को दर्शाता है। यह ग्राम स्तरीय वर्गीकरण आमजन में जागरूकता पैदा करने में सहायता करेगा और वर्तमान खंड स्तर  वर्गीकरण को अपनाने के बजाय गांवों के भूजल प्रबंधन के संबंध में नीतियों की सूक्ष्म स्तरीय योजना और उपचारात्मक कार्रवाई में उपयोगी होगा। 

आमजन दे सकता है सुझाव व आपत्तियां : उपायुक्त 

उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि नीतिगत निर्णय लेने, उपचारात्मक और अन्य उपाय करने के लिए वर्गीकरण को प्रभावी रूप से लागू करने से पहले प्रदेश सरकार ने जनहित में आम जनता को यदि कोई सुझाव-आपत्तियां हो तो, मांगी गई हैं। जून 2020 तक ग्राम स्तरीय भूजल स्तर तालिका के वर्गीकरण से संबंधित सुझाव-आपत्तियां इस सार्वजनिक सूचना के जारी होने के 30 दिनों की अवधि में ई-मेल आई-डी आब्जेक्शनस2022.एचडब्ल्यूआरएएटदरेटजीमेल.काम पर भेजी जा सकती है।

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