कोरोना की तीन मार्मिक कहानियां...जुड़वा बच्चों को जन्म दे दुनिया छोड़ गई मां
कोरोना संकमण न जाने कितनों को जिंदगी भर का गम दे रहा। एक ऐसा ही मामला सामने आया है पानीपत में। दो जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद से मां की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई। जन सेवा दल ने महिला को सुपुर्द-ए-खाक किया।
पानीपत, जेएनएन। कोरोना संक्रमण मासूम बच्चों से उनकी मां को छीन रहा है। तो कुछ कहानियां ऐसी हैं कि बच्चे ही मां-बाप को छोड़कर जा रहे हैं। उनके अंतिम समय में भी साथ नहीं दे रहे। ऐसी ही तीन कहानियां पानीपत में सामने आईं। कोरोना संक्रमण ने जुड़वां बच्चों से उनकी मां छीन ली। बच्चों को जन्म देते ही मां दुनिया से चली गई। जनसेवा दल की टीम ने महिला को कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया।
पानीपत की नूरवाला निवासी 21 वर्षीय सलमा गर्भवती थी। इसी दौरान उसे कोरोना संक्रमण हो गया। सलमा की हालत खराब होने पर उसे खानपुर मेडिकल कालेज रेफर किया गया। वहीं पर उसने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। इसके चार घंटे बाद ही सलमा की मौत हो गई। महराणा कब्रिस्तान में जन सेवा दल से चमन गुलाटी, कपिल मल्होत्रा और नग निगम से विक्रम राणा ने कोविड गाइडलाइंस अनुसार, सुपुर्द-ए-खाक किया। सलमा ने एक बेटी और एक बेटे को जन्म दिया। दोनों को कोरोना संक्रमण नहीं है।
खत्म हो रही मानवता
कोरोना संक्रमण ने कई मामलों में मानवता को भी खत्म किया है। अपने ही अपनों का साथ छोड़ रहे हैं। पानीपत में दो मौत ऐसी हुई, जिसमें स्वजनों ने साथ छोड़ दिया। अंतिम संस्कार के वक्त तक नहीं आए। अपने पते तक गलत लिखवाए हुए थे, ताकि किसी को कुछ पता ही नहीं चल सके।
आखिरी वक्त मां को नहीं अपनाया
एक मां को उसके ही अपने बच्चे आखिरी वक्त में छोड़कर चले गए। चमन गुलाटी ने बताया कि 70 वर्षीय महिला को पांच दिन पहले सिविल अस्पताल में दाखिल कराया गया था। कोरोना संक्रमण की वजह से उसकी जान चली गई। दाखिल कराते हुए महिला के घर का पता उप्र का लिखा हुआ था। संपर्क किया गया लेकिन कुछ पता नहीं चल सका।
मैं किसी नरेश को नहीं जानता
तीसरी मौत हुई नरेश की। उन्हें भी सिविल अस्पताल में दाखिल कराया हुआ था। दाखिल कराते समय स्वजन का जो नंबर दिया गया, उस पर संपर्क किया तो फोन उठाने वाले ने कहा कि वह फरीदाबाद से बोल रहा है। वह किसी नरेश को नहीं जानता। तीनों ही केस में जनसेवा दल ने अंतिम संस्कार कराया।
छोड़कर न जाएं, हम देंगे साथ
जनसेवा दल के सचिव चमन गुलाटी का कहना है कि अपनों को छोड़कर न जाएं। अगर किसी भी तरह की मदद चाहिए तो उनसे संपर्क करें। दवाइयों से लेकर अस्पताल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी लेंगे। यह समय परिवार का साथ देने का है। अगर स्वजन की मृत्यु हो जाती है तो भी वे अंतिम संस्कार तक सारा खर्च भी उठाएंगे। जनसेवा दल से मदद के लिए उनके नंबर पर 9050668750, 9996110073 पर संपर्क कर सकते हैं।
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