रोहित और साक्षी की मौत बनी राज, राजदार ने भी नहीं खोला मुंह

रोहित और साक्षी की मौत की वजह क्या थी इसकी गुत्थी अभी तक पुलिस नहीं सुलझा पाई है। राजदार हरदीप से भी पुलिस मौत का राज नहीं उगलवा सकी है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 03:03 PM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 05:25 PM (IST)
रोहित और साक्षी की मौत बनी राज, राजदार ने भी नहीं खोला मुंह
रोहित और साक्षी की मौत बनी राज, राजदार ने भी नहीं खोला मुंह

पानीपत, जेएनएन। देश के तीसरे नंबर के चावल निर्यातक रोहित गर्ग और उनकी महिला मित्र साक्षी बासिल की मौत का रहस्य पांच दिन बाद भी बरकरार है। इस मामले का राजदार रोहित गर्ग का दोस्त पॉल ट्रेवल एजेंसी के मालिक का बेटा मॉडल टाउन का हरदीप है।

रोहित और साक्षी के बीच झगड़ा होने पर हरदीप उनके पास गया था। इसके बाद ही दोनों ने नहर में कूदकर जान दे दी थी। रसूखदार नेता व लोगों से नजदीकी होने के कारण थाना मॉडल टाउन पुलिस हरदीप से रोहित व साक्षी की मौत के राज को नहीं उगलवा पा रही है। यहां सवाल यह है कि पुलिस आखिर हरदीप पर इतनी मेहरबान क्यों हैं? क्यों दोनों की मौत की वजह पर परदा डाला जा रहा है?

यह है मामला
17 अप्रैल की रात को चावल निर्यातक रोहित गर्ग ने आर्य बाल भारती पब्लिक स्कूल के पीछे पानीपत क्लब में दोस्तों के साथ पार्टी की थी। रात 11:30 बजे वे मर्सिडीज कार से वहां से निकले और मॉडल टाउन निवासी महिला मित्र साक्षी को बुला लिया। रात करीब एक बजे रोहित ने पत्नी ममता को फोन कर बताया कि वह दस मिनट में घर लौट रहे हैं और घूमने चलेंगे। इसके बाद उनका मोबाइल फोन बंद हो गया। घरवालों ने अनहोनी की आशंका में खोजबीन शुरू की तो रोहित की कार सरकारी नर्सरी के पास खड़ी मिली। परिजन पुलिस को लेकर मौके पर पहुंचे। कार की खिड़की पर खून लगा था। सीसीटीवी कैमरे की जांच की गई तो पता चला कि कार से उतरकर साक्षी नहर में कूद गई थी। उन्हें बचाने के प्रयास में रोहित ने भी नहर में छलांग लगा दी। शनिवार को रोहित का शव सोनीपत के सिटावली गांव के पास और रविवार को साक्षी का शव नारायणा के पास नहर से मिला।

दोनों का एक ही श्मशान में हुआ था संस्कार
ये विडंबना ही है कि मॉडल टाउन की साक्षी बासिल जिस असंध रोड स्थित श्मशान भूमि के पास नहर में कूदी थी, वहीं पर रविवार शाम पांच बजे अंतिम संस्कार किया गया था। नौवीं कक्षा में पढऩे वाले इकलौते बेटे अक्षित ने मां को मुखाग्नि दी थी। इसी श्मशान में देश के तीसरे नंबर के बासमती चावल निर्यातक रोहित गर्ग का अंतिम संस्कार किया गया था। इस हादसे में दोनों परिवारों के माता-पिता, विधवा और अनाथ हुए चार बच्चों के आजीवन दर्द की भरपाई नहीं हो सकेगी।  

फटा मिला था टी शर्ट और टॉप
बुधवार रात 1:15 बजे नहर में कूदने से पहले रोहित गर्ग और उनकी महिला मित्र साक्षी के बीच संघर्ष हुआ। दोनों के कपड़े भी फटे थे। शव निकालने वाले पंजाब के पटियाला से बुलाए गए गोताखोर आशू मलिक ने बताया कि रोहित गर्ग की टी-शर्ट और साक्षी का टॉप आगे से फटा था। जो हाथापाई में फटे होंगे।

हाथ की खाल उतरने से चोट का निशान नहीं मिला
डॉ. प्रदीप पांचाल और डॉ. केतन भारद्वाज ने बोर्ड ने साक्षी के शव का पोस्टमार्टम किया गया। डॉ. पांचाल ने बताया कि साक्षी के शरीर पर चोट के निशान नहीं थे। हाथ की खाल उतर चुकी। इसी वजह से चोट के निशान का पता नहीं चला। क्योंकि बताया जा रहा था कि साक्षी ने कांच के टूटे गिलास से हाथ की नस काट ली थी। बाल व कपड़े के सैंपल और बिसरा जांच के लिए मधुबन लैब भेजा जाएगा। इसकी रिपोर्ट से साक्षी की मौत की वजह का पता चलेगा।

 दो घंटे तक पुलिस की एंबुलेंस नहीं पहुंची, निजी एंबुलेंस से लाए शव
साक्षी के शव को गोतोखारों ने नहर से बाहर निकाल लिया था। इसे अस्पताल ले जाने के लिए परिजन व पुलिस दो घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे थे। एंबुलेंस नहीं पहुंची। इसके बाद पानीपत सामान्य अस्पताल से निजी एंबुलेंस को मौके पर बुलाया था।

पौने दो घंटे तक लॉक कर गाड़ी में बैठे रहे पति
सामान्य अस्पताल में साक्षी के शव का पोस्टमार्टम चल रहा था। पति विवेक पुराने शवगृह के पीछे फाच्र्यूनर गाड़ी में अंदर से लॉक करके बैठे रहे। मीडिया ने बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने मना कर दिया। परिजन भी नाराज हो गए। उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी। विवेक के दोस्त जरूर कहते रहे कि बुधवार रात 3:30 बजे विवेक असंध नाका चौकी गए थे। तब पुलिसकर्मियों ने उन्हें बताया था कि साक्षी का मोबाइल फोन मिल गया है। अब पुलिस कह रही है कि मोबाइल फोन नहीं मिला है।

फिल्म अभिनेता संजय दत्त की पत्नी की कजन थी साक्षी
बताया गया है कि साक्षी ने विवेक के साथ अंतरजातीय प्रेम विवाह किया था। उनकी बड़ी बेटी सलोनी 12वीं कक्षा में पढ़ती है। साक्षी बालीवुड फिल्म अभिनेता संजय दत्त की पहली पत्नी की कजन थी। साक्षी के पिता अजीजुल्लापुर के सरपंच रहे हैं। चाचा अमेरिका के प्रसिद्ध उद्योगपति हैं। उनकी एक बड़ी व एक छोटी बहन हैं। इकलौता भाई व मां अंसल सिटी में रहते हैं।

विवेक के पिता की थी हथकरघा सामान की दुकान
विवेक मूल रूप से पंजाब के पटियाला के हैं। बताया गया है कि करीब 30 साल पहले विवेक के पिता बंसीलाल ने संजय चौक के पास पशु अस्पताल के सामने हथकरघा का सामान बेचने की दुकान की थी। बाद में वे दुकान छोड़ पंजाब चले गए थे। विवेक परिवार सहित पानीपत में रहते हैं।

रोहित और साक्षी ने पहनी थी सेंसर वाली घड़ी
रोहित गर्ग व साक्षी ने वाटर प्रूफ सेंसर वाली महंगी घड़ी पहनी थी। जैसे ही गोताखोरों ने दोनों की कलई से घड़ी खोली तभी उनमें अलार्म बजा था। घड़ी के जरिये भी दोनों के शवों की पहचान हुई थी।

पानी की कमी से साक्षी का शव देरी से मिला, तीन शव दिल्ली पुलिस को सौंपे
गोताखोर आशू मलिक ने बताया कि नहर में पानी कम होने से साक्षी के शव को ढूंढने में परेशानी हुई। वे साक्षी को तीन दिन से ढूंढ रहे थे। साक्षी का शव रेत में दबा होने के कारण देरी से पानी के ऊपर आ पाया। नहर में छह शव मिले। इनमें से तीन शव दिल्ली पुलिस को सौंप दिए गए।

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