कैथल में शुरू हुई किसान महापंचायत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी पहुंचे, आंदोलन की रणनीति होगी तय

कैथल के जवाहर पार्क में महापंचायत शुरू हो चुकी है। किसानों को फसल कटाई के साथ कैसे धरना स्थल पर पहुंचना है इसके लिए ड्यू्टी लगाई जाएगी। वहीं 23 मार्च को युवा दिवस की तैयारियों पर चर्चा की जा रही है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 21 Mar 2021 12:30 PM (IST) Updated:Sun, 21 Mar 2021 12:30 PM (IST)
कैथल में शुरू हुई किसान महापंचायत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी पहुंचे, आंदोलन की रणनीति होगी तय
तीन कृषि कानूनों के विरोध में महापंचायत मेंं किसान पहुंचने लगे हैं।

कैथल, जेएनएन। तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। इधर कैथल में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। यहां के जवाहर पार्क में महापंचायत शुरू हो चुकी है। इसमेंं जिलेभर के किसान पहुंच रहे हैं।

किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी किसान महापंचायत में पहुंच चुके हैं। उनका संबोधन थोड़ी देर में शुरू होगा। किसानों का कहना है कि भाजपा की सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही है। जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, तब तक किसानों के आंदोलन जारी रहेगा। दिल्ली मेंं किसान अपनी मांगोंं को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहींं हो रही है। 

कैथल के जवाहर पार्क में आयोजित महापंचायत में पहुंचे किसान।

आगामी रणनीति पर की जाएगी चर्चा

किसान नेता होशियार गिल ने बताया कि आज की पंचायत में किसानों की आगामी रणनीति पर चर्चा की जाएगी। इसमें किसानों को फसल कटाई के साथ कैसे धरना स्थल पर पहुंचना है इत्यादि की ड्यू्टी लगाई जाएगी। किसानों का कहना है कि 23 मार्च को प्रदेश भर मेंं चल रहे धरनों पर शहीदी दिवस मनाया जाएगा। 29 मार्च को होली के  दिन किसानोंं द्वारा तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई जाएंगी।

किसानों की आने वाली नस्ल की लड़ाईः चढ़ूनी

किसान महापंचायत के पहुंचे किसान नेता गुरनाम चढूनी ने कहा कि सरकार के साथ केवल तीन कृषि कानूनों को रद करवाने की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह हमारी आने वाली नस्ल की लड़ाई है। इसलिए सभी समाज और वर्ग के लोग लगातार जनसंपर्क अभियान चला विरोध को लेकर जानकारी दें। यह पूरे देश को बचाने की लडाई है। इस लड़ाई को जीतने के लिए हर वर्ग के लोगों को एक दूसरे के साथ मिलकर चलना होगा। सरकार ने केवल कुछ बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने के ही कानून लागू किए गए हैं।

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