Move to Jagran APP

हरियाणा के गुरुद्वारों के सवाल पर आया एसजीपीसी प्रधान को गुस्सा, जानिए क्या है बड़ी वजह

कैथल में एसजीपीसी प्रधान बीबी जागीर कौर ने गुरुद्वारा मंजी साहिब नौवीं पातशाही के भवन निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने हरियाणा के गुरुद्वारों एसजीपीसी दिल्ली कमेटी समेत कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि सिख बांटे नहीं जा सकते हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 10:58 AM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 10:58 AM (IST)
हरियाणा के गुरुद्वारों के सवाल पर आया एसजीपीसी प्रधान को गुस्सा, जानिए क्या है बड़ी वजह
कैथल में गुरुद्वारा मंजी साहिब नौवीं पातशाही के भवन निर्माण का शिलान्यास करतीं बीबी जागीर कौर।

कैथल [पंकज आत्रेय]। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की प्रधान बीबी जागीर कौर ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के गुरुद्वारों को मुद्​दा बहुत लंबा विषय है। हरियाणा के गुरुद्वारे सिर्फ हरियाणा के नहीं हैं और पंजाब के गुरुद्वारे सिर्फ पंजाब के नहीं हैं। यह सिख संगत के गुरुद्वारे हैं। बीबी जागीर कौर कैथल में गुरुद्वारा मंजी साहिब नौवीं पातशाही के भवन निर्माण कार्य का शिलान्यास करने पहुंची थीं। 

loksabha election banner

बीबी जगीर कौर ने कहा कि गुरुओं के स्थान सबके साझे हैं। न कि केवल हरियाणा या पंजाब वालों के। वह अमृतसर के हरमोहिंद्र साहिब हों या आनंदपुर साहिब गुरुद्वारा, यह कौम के स्थान हैं। इसलिए इनमें फर्क करना बंद करो। उन्होंने तल्ख तेवर अख्तियार करते हुए कहा कि सिखों को बांटने की राजनीतिक लोगों की यह साजिश कभी कामयाब नहीं होगी। सभी गुरुद्वारे एसजीपीसी के हैं। 

धर्म कभी बांटा नहीं जा सकता

यहां बातचीत में उनसे जब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के बीच हरियाणा के गुरुद्वारों को लेकर चल रहे विवाद पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एसजीपीसी हरियाणा या पंजाब की नहीं, बल्कि पूरी सिख कौम की नुमाइंदगी करती है। जब पंजाब एक था तो हरियाणा, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश सब इसी में थे। इनके गुरुद्वारे भी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अंतर्गत थे। जब यह अलग हुए तो गुरुद्वारे अलग हो गए। उन्होंने कहा कि पानी बांटा जा सकता है, धरती बांटी जा सकती है, लेकिन कभी धर्म नहीं बांटा जा सकता।

दिल्ली कमेटी को मान्यता के सवाल पर यह कहा

दिल्ली में अलग कमेटी को मान्यता के सवाल पर उन्होंने कहा कि दिल्ली के गुरुद्वारे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधीन नहीं थे। तब वह अलग थे। दिल्ली की कमेटी एसजीपीसी ने ही उन गुरुद्वारों की देखभाल के लिए बनाई है। एसजीपीसी के अधीन बड़े संयुक्त पंजाब के गुरुद्वारेे थे। इनमें पाकिस्तान और हरियाणा के गुरुद्वारे शामिल थे। गुरुघरों पर जब हमले हो रहे थे तो एसजीपीसी बनाई गई थी। गुरुद्वारों में बहन-बेटियों की अस्मत लूटी जा रही थी, नशे के दौर चल रहे थे, नाच हो रहे थे। तब इनके लिए सभी सिखों ने कुर्बानियां दीं। न कि पंजाब या हरियााणा के सिखों ने। सिखों का पूरा प्लेटफार्म तब एक ही था। सिखों में कमेटियों के नाम पर दोफाड़ करने वाले राजनीतिक लोग हैं। उन लोगों ने यह चाल चली है कि किसी तरीके से सखों को बांटा जा सके, लेकिन सिख नहीं बांटे जा सकते।

दुखदायी है किसानों की दशा

किसानों के कृषि कानून विरोधी आंदोलन पर बीबी जागीर कौर ने कहा कि जो किसान दुनिया का पेट भरते हैं, आज वह खुद भिखारी बनकर अपना हक मांग रहे हैं। उनके हक और सच की रखवाली के लिए सभी को जिद्दोजहद करनी पड़ रही है। सरकार को इसके लिए सचेत होना चाहिए कि मानवता का भला किसानों की भलाई में हैं। उनकी तो कोई मांग ही नहीं थी, जो सरकार धक्के से उन्हें देना चाहती है और जो वह चाह रहे हैं, उसको दबाना चाह रही है। उन्होंने कहा कि सरकार से विनती करती है कि किसानों की मांग को मान कर उन्हें वहां से उठाया जाए ताकि वे सुख-शांति से अपने घरों को लौट सकें।

पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.