लाठीचार्ज की जांच, छह डीएसपी, 250 पुलिसकर्मी निशाने पर

जागरण संवाददाता पानीपत पूर्व पार्षद हरीश शर्मा की मौत के बाद न्याय मांगने उतरे लोगों व मीडि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 06:31 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 06:31 AM (IST)
लाठीचार्ज की जांच, छह डीएसपी, 250 पुलिसकर्मी निशाने पर
लाठीचार्ज की जांच, छह डीएसपी, 250 पुलिसकर्मी निशाने पर

जागरण संवाददाता, पानीपत : पूर्व पार्षद हरीश शर्मा की मौत के बाद न्याय मांगने उतरे लोगों व मीडिया कर्मियों पर रविवार रात पुलिस ने लाठियां बरसा दी। घटना वहां घटी जहां पर रोहतक के सांसद डा. अरविद शर्मा व अन्य नेता हरीश की बेटी अंजली शर्मा व स्वजनों के साथ बैठक कर रहे थे। इसके कुछ देर बाद ही रोहतक के सांसद डा. अरविद शर्मा ने फोन काल कर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृहमंत्री अनिल विज को अवगत करा दिया था। लाठीचार्ज के मामले में सीएम ने जांच एडीजीपी संदीप खिरवार के नेतृत्व में बनीं एसआइटी को सौंप दी है। सवाल ये है कि क्या करनाल रेंज के पुलिस अधिकारियों की जांच पर शक था। क्या इसलिए जांच एसआइटी को सौंप गई।

लाठीचार्ज में अब पानीपत, करनाल व कैथल के छह डीएसपी और करीब 250 महिला व पुरुष कर्मचारी एसआइटी के निशाने पर आ गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए करनाल रेंज की आइजी भारती अरोड़ा ने सोमवार को लघु सचिवालय स्थित एसपी कार्यालय में करनाल के एसपी गंगाराम और तीन जिलों के डीएसपी के साथ सवा एक घंटे तक बैठक की। लाठीचार्ज पर मंथन किया गया। बैठक में करनाल के डीएसपी जगदीप दून, रमेश जागलान, कैथल के डीएसपी राज सिंह, पानीपत के डीएसपी संदीप सिंह, राजेश फोगाट और वीरेंद्र सैनी मौजूद रहे।

आइजी ने पूछा और समझाया

1- पुलिस अधिकारियों से पूछा गया कि लोगों व मीडियाकर्मियों पर लाठीचार्ज क्यों किया गया।

2- जाम के हालात कैसे बन गए। भविष्य में ऐसी नौबत न आए इसके लिए सर्तक रहना होगा।

3- नसीहत दी गई कि हालात कैसे भी हों, ड्यूटी निभानी है। अच्छा भी हमारा है और बुरा भी हमारा है। हत्सोसाहित होने की जरूरत नहीं है। ये संदेश हर पुलिसकर्मी तक पहुंचाएं।

तीनों तरफ से हुआ पथराव, कार्यालय में बैठक होने का पता नहीं था

पुलिस अधिकारियों ने आइजी को बताया कि जाम खुलवा दिया गया था। बरसत रोड की तरफ से वाहन तहसील कैंप की तरफ आने शुरू हो गए थे। इसी दौरान लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। करीब 30 वाहनों के शीशे टूटे। इसी तरह से तहसील कैंप कट और लघु सचिवालय की तरफ भी पथराव हुआ। लोगों को खदेड़ने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया गया। ये पता नहीं था कि कट के पास सांसद व अन्य नेताओं की बैठक हो रही है। ये दलील गले नहीं उतर रही है, क्योंकि पुलिस को बैठक के बारे में भलीभांति पता था।

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