किस्सा सांड का, पहले सड़क पर उत्पात, फिर छत पर चढ़ा, जानिए फिर क्या हुआ Panipat News

सेक्टर 11 में एंजल मॉल के पास एक मकान की छत पर सांड चढ गया। करीब सवा घंटे तक उसका उत्पात जारी रहा।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 06 Nov 2019 09:55 AM (IST) Updated:Wed, 06 Nov 2019 05:20 PM (IST)
किस्सा सांड का, पहले सड़क पर उत्पात, फिर छत पर चढ़ा, जानिए फिर क्या हुआ Panipat News
किस्सा सांड का, पहले सड़क पर उत्पात, फिर छत पर चढ़ा, जानिए फिर क्या हुआ Panipat News

पानीपत, जेएनएन। पानीपत में बेसहारा गोवंश का उत्पात लगातार बढ़ता जा रहा है। सड़कों पर यमदूत बनकर घूम रहे बेसहारा गोवंश की दहशत से लोग घरों में कैद हो गए। सांड पॉश एरिया सेक्टर-11 के लोगों के लिए आफत बन गए। यहां कई सांड़ आपस में भिड़ गए। इनमें से एक निर्माणाधीन मकान की छत पर चढ़ गया। करीब सवा घंटे तक सेक्टरवासी घरों में कैद रहे। दमकलकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद सांड़ को क्रेन की मदद से उतारा। सेक्टरवासियों ने नगर निगम के खिलाफ रोष जाहिर किया है। घटना दोपहर बाद करीब 3 बजे की है। 

लोगों ने बताया कि छह-सात सांड़ गली में लडऩे लगे। लोगों ने हटाने का प्रयास किया, लेकिन वे बेकाबू हो गए। सांड़ एक-दूसरे को मरने-मारने पर उतारू हो गए। इसी दौरान एक सांड़ अशोक चावला के निर्माणाधीन मकान की सीढिय़ों से छत पर चढ़ गया। बड़ी मुश्किल से उन्होंने दूसरे सांडों को दूर भगाया।

दमकलकर्मियों को मशक्कत करनी पड़ी 

दमकलकर्मी एक गाड़ी लेकर पहुंचे। बिजली सप्लाई बंद कराई। उन्होंने सांड़ को नीचे उतारने का प्रयास किया, लेकिन सांड़ उपद्रवी हो गया। और कर्मचारियों को मदद के लिए बुलाया गया। एक अन्य गाड़ी में दमकलकर्मी पहुंचे। रस्से की मदद से 4:15 बजे सांड़ को नीचे उतारा जा सका।

मकान मालिक की भी लापरवाही

सांड़ के छत पर चढऩे के मामले में मकान मालिक की लापरवाही भी सामने आई है। मकान मालिक ने गेट बंद नहीं किया। सांड़ को ऊपर चढऩे का सीधा रास्ता मिल गया। अशोक चावला ने बताया कि कॉर्नर के प्लॉट पर मकान बना रहा है। एक मंजिल का लेंटर लगाने के बाद सरकार के आदेश के बाद काम बंद कर दिया गया। पार्षद रविंद्र भाटिया सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे।

निगम का काम ढीला 

पार्षद रविंद्र भाटिया ने बताया कि सेक्टरों में बेसहारा गोवंश लगातार घूम रहा है। इनके सड़कों पर आने से अब तक हादसे होने का खतरा था। अब इनके लडऩे से हादसे होने का भी डर हो गया है। निगम का गोवंश उठाने का काम ढीला चल रहा है। अधिकारियों को इसमें तेजी लानी चाहिए। इससे शहरवासियों को सुरक्षित माहौल मिल पाएगा। 

विरोध के बाद निगम जागा था, फिर सुस्त 

शहर में दो महीने पहले करीब दो हजार गोवंश आ गया था। हर सड़क पर गोवंश के झुंड थे। नगर निगम और पशुपालन विभाग एक-दूसरे पर मामला टाल रहे थे। लोगों ने परेशानी बढऩे पर नगर निगम कार्यालय पर खूंंटा गाड़कर गोवंश बांधने की चेतावनी दी थी। निगम कमिश्नर ओमप्रकाश ने छुट्टी के दिन ही शहरवासियों की बैठक बुलाई थी। गोवंश को नैन गोअभयारण्य में ले जाने का फैसला लिया था। शहर में अब भी 500 के करीब गोवंश घूम रहा है। 

शहर से गोवंश को नैन गोअभयारण्य में लगातार ले जाया जा रहा है। निगम की टीम हर रोज आठ से 10 गोवंश पहुंचा रही है। सेक्टर-11 में सांड के छत पर चढऩे की जानकारी नहीं मिली है। सेक्टर में अभियान चलाकर गोवंश को उठाया जाएगा। 

राहुल पुनिया, एक्सईएन, नगर निगम।

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