हरियाणा की नौकरशाही में बढ़ी खींचतान, जानें क्‍यों आमने-सामने हैं IAS और IPS लाबी

हरियाणा में सियासी खींचतान के बीच अफसरशाही में भी विवाद थम नहीं रहा है। राज्‍य में आइएएस और आइपीएस लॉबी में खींचतान थमने के बजाए और बढ़ रही है। विवाद का कारण आइएएस काडर वाले पदों पर आइपीएस अफसरों की नियुक्ति है।

By Sunil kumar jhaEdited By: Publish:Thu, 11 Feb 2021 06:17 PM (IST) Updated:Fri, 12 Feb 2021 07:53 AM (IST)
हरियाणा की नौकरशाही में बढ़ी खींचतान, जानें क्‍यों आमने-सामने हैं  IAS और IPS लाबी
हरियाणा में आइएएस व आइपीएस लॉबी में खींचतान तेज हो गई है। (सांकेतिक फोटो)

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा की आइएएस और आइपीएस लाबी में टकराव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जब आइपीएस अधिकारियों को मौका मिलता है तो वे अपनी चलाते हैं और जब आइएएस अफसरों को मौका मिलता है तो वे हावी हो जाते हैं। आइएएस और आइपीएस लाबी में यह खींचतान राज्य में लंबे समय से चल रही है। आइएएस कैडर के पदों पर आइपीएस अधिकारियों की नियुक्तियां किए जाने से उनके आपसी टकराव को हवा मिली है। एचसीएस कैडर के पदों पर एचपीएस अफसरों की नियुक्तियों ने तो आग में घी डालने का काम किया।

बिजली कंपनियों के चेयरमैन पद पर अब विभाग का एसीएस ही हो सकेगा काबिज

आइएएस और आइपीएस अफसरों की लाबी के बीच विवाद का नया मामला बिजली कंपनियों के चेयरमैन पद से जुड़ा है। अभी तक प्रदेश सरकार किसी भी आइएएस या आइपीएस अधिकारी को बिजली कंपनियों का चेयरमैन बना सकती थी। प्रदेश में चार बिजली कंपनियां हैं। नई व्‍यवस्‍था के तहत अब बिजली कंपनियाें के चेयरमैन विभाग का एसीएस ही बन सकेगा।

आइपीएस अधिकारी शत्रुजीत कपूर के पास था बिजली कंपनियों के चेयरमैन का पद

अब तक आइपीएस अधिकारी शत्रुजीत कपूर इन बिजली कंपनियों के चेयरमैन पद पर काबिज थे। प्रदेश सरकार ने उन्हें परिवहन विभाग का प्रधान सचिव बना दिया। इसके बावजूद बिजली कंपनियों के चेयरमैन पद पर उनकी नियुक्ति बरकरार रखी है, लेकिन बिजली विभाग के निवर्तमान अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता राज्य सरकार से यह आदेश पारित कराने में कामयाब हो गए कि बिजली कंपनियों का चेयरमैन बिजली विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव ही होगा। यानी किसी दूसरे अधिकारी को बिजली कंपनियों का चेयरमैन पद नहीं दिया जा सकता है।

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हरियाणा के राज्यपाल ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके बाद बिजली विभाग में तबादले हो गए। टीसी गुप्ता के स्थान पर पीके दास को बिजली विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया। उनके कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही राज्यपाल से मंजूर नया आदेश प्रभावी हो गया। यानी अब बिजली कंपनियों के चेयरमैन आइपीएस अधिकारी शत्रुजीत कपूर नहीं होंगे, बल्कि पीके दास ही यह जिम्मेदारी संभालेंगे।

अब यह व्यवस्था आगे के लिए लागू हो गई है। हरियाणा की आइएएस और आइपीएस लाबी में प्रदेश सरकार की इस नई व्यवस्था की पूरी चर्चा है। टीसी गुप्ता को भूगर्भ एवं खनन, रोजगार और हाउङ्क्षसग फार आल का अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया है। मुख्यमंत्री की घोषणाओं और उनके क्रियान्वयन का काम भी टीसी गुप्ता ही देखेंगे।

इस तरह से बढ़ता गया आइएएस और आइपीएस अफसरों का विवाद

आइएएस और आइपीएस लाबी के बीच टकराव कोई नया नहीं है। इस टकराव ने तब से जोर पकड़ा, जब सरकार ने आइपीएस अधिकारी तत्कालीन सीआइडी प्रमुख शत्रुजीत कपूर को बिजली विभाग की जिम्मेदारी सौंपी। इस पद पर अमूमन आइपीएस अधिकारी की ही नियुक्ति होती रही है। आइपीएस अमिताभ ढिल्लो को भूगर्भ एवं खनन विभाग का महानिदेशक बनाया। अब शत्रुजीत कपूर परिवहन विभाग में प्रधान सचिव और अमिताभ ढिल्लो परिवहन आयुक्त हैं।

आइपीएस शशांक आनंद के पास एक बिजली कंपनी के एमडी की जिम्मेदारी है। आइपीएस अधिकारी ओपी सिंह पहले खेल निदेशक रहे। बाद में सरकार ने उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में सलाहकार के पद पर नियुक्त कर लिया। अब ओपी सिंह फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त हैं। परिवहन विभाग में ही आरटीए सचिव के सात पदों पर एचसीएस की बजाय एचपीएस अधिकारी काम कर रहे हैं।

यूटी कैडर के आइपीएस रजनीश गर्ग पिछले कई सालों से सीएम के एडीसी टूर के तौर पर काम कर रहे हैं। उनके पास हरियाणा शिक्षा परियोजना निदेशक का काम भी था, लेकिन सरकार ने हाल ही में उनसे यह काम वापस लेकर अब सेकेंडरी शिक्षा निदेशक जे गणेशन को सौंप दिया है। आइएएस व एचपीएस लाबी नहीं चाहती कि उनके कैडर पदों पर आइपीएस या एचपीएस अधिकारी काम करें, जबकि ऐसे अफसरों की भी कमी नहीं है, जो आइपीएस तो हैं, मगर वह आइएएस के स्थान पर उच्च क्षमता का प्रशासनिक काम संभालने में दक्ष हैं।

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