नशे के खिलाफ जंग लड़ने को सात राज्यों ने बनाया 'वार रूम'

नशे के खिलाफ उत्‍तर भारत के सात राज्‍य मिलकर लड़ेंगे और ड्रग के काले काराेबार के खिलाफ हल्‍ला बोलेंगे। सातों राज्‍यों का ड्रग के खिलाफ संयुक्‍त वार रूम पंचकूला में हाेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Mon, 20 Aug 2018 05:56 PM (IST) Updated:Tue, 21 Aug 2018 08:59 PM (IST)
नशे के खिलाफ जंग लड़ने को सात राज्यों ने बनाया 'वार रूम'
नशे के खिलाफ जंग लड़ने को सात राज्यों ने बनाया 'वार रूम'

जेएनएन, चंडीगढ़। नशे के खिलाफ पंजाब की जंग में हरियाणा और उत्‍तर भारत के अन्‍य राज्‍य भी शामिल हो गए है। ड्रग के दानव से निपटने के लिए हरियाणा की पहल पर सात राज्यों ने हाथ मिलाए हैं। नशा तस्करों का नेटवर्क तोड़ने के लिए हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और चंडीगढ़ साझा 'वार रूम' बनाएंगे। इसे सचिवालय का नाम दिया गया है। यहां से नशा तस्करों के खिलाफ पूरी रणनीति को अंजाम दिया जाएगा।

ड्रग के खिलाफ लड़ाई में पंजाब के साथ आए उत्‍तर भारत के छह राज्‍य

यह साझा सचिवालय हरियाणा व पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ के साथ लगते शहर पंचकूला में खुलेगा। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश की सरकारों को भी नशे से निपटने की लड़ाई में शामिल किया जाएगा। इसके लिए खुद हरियाणा आगे बढ़कर प्रयास करेगा।  

पंचकूला में बनेगा हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल, राजस्थान, दिल्ली और चंडीगढ़ का साझा सचिवालय

हरियाणा की मेजबानी में चंडीगढ़ में सोमवार को करीब ढाई घंटे चली मुख्यमंत्रियों की बैठक में नशे की समस्या से निपटने में आ रही मुश्किलों और नई रणनीति पर खुलकर बातचीत हुई। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अफसरों की टीम के साथ बैठक में शामिल हुए।

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ड्रग के मुद्दे पर उत्‍तरी राज्‍यों की चंडीगढ़ में आयोजित बैठक का दृश्‍य।

जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश को भी नशे से निपटने की रणनीति में जोड़ेगा हरियाणा

मौसम में खराबी के कारण हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का विमान उड़ान नहीं भर सका। इस  कारण वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक से जुड़े। इनके अलावा दिल्ली, राजस्थान और चंडीगढ़ की ओर से गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारियों ने बैठक में अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व किया।

हर छह महीने में मुख्यमंत्री और तीन महीने में अफसरों की मीटिंग में बनेगी साझा रणनीति

बैठक के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह और त्रिवेंद्र रावत के साथ पत्रकारों से रू-ब-रू हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नशे की विकट समस्या को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें चिट्ठी लिखी थी। हालांकि उन्होंने जवाब में हरियाणा की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी तभी दे दी थी, लेकिन इसी दौरान नशे से निपटने के लिए उत्तर भारत के सभी राज्यों की मंथन बैठक बुलाने का विचार आया। जो अब रणनीति के रूप में आगे बढ़ेगा।

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सचिवालय में हर राज्य तैनात करेगा नोडल अफसर

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार नशे से प्रभावित सभी राज्यों के साझा सचिवालय पंचकूला में हर राज्य अपना नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा। इसके अलावा हर छह महीने में नशा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक कर नशे के खिलाफ उठाए कदमों की समीक्षा करते हुए अगली रणनीति तय करेंगे। हर तीन महीने में सभी राज्यों के शीर्ष स्तर के अफसर बैठक कर पूरे अभियान की मानीटरिंग करेंगे, जबकि अंतरराज्यीय सीमा से लगते जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक नियमित अंतराल पर बैठकें कर नशे का नेटवर्क तोडऩे की रणनीति साझा करेंगे।

राज्यों के बदले सुर, अब एक सुर में बोले- किसी राज्य से बंधे नहीं नशा तस्कर

बढ़ते नशे के लिए एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ते रहे राज्यों के सुर साझा अभियान शुरू होने के बाद बदल गए हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह सभी की कॉमन समस्या है और नशा तस्कर किसी राज्य की सीमा से बंधे नहीं होते। इसीलिए सभी राज्यों ने मिलकर साझा रणनीति बनाने की पहल की है।

हरियाणा की बातों से सहमत दिखाई दिए कैप्टन अमरिंदर व त्रिवेंद्र रावत

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत ने मनोहर लाल की उस बात पर सहमति जताई, जिसमें उन्होंने कहा कि नशा तस्करों की कोई सीमा नहीं होती। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि आज नशा विकट समस्या बन गया है। इससे निपटने के लिए सभी राज्य एक मंच पर आए हैं।

बता दें कि पंजाब और हरियाण समेत इन सभी राज्‍यों कर सीमाएं आपस में सटी हुई हैं। पंजाब के बाद हरियाणा और अन्‍य राज्‍य भी नशे की चपेट में आ रहे हैं। नशे के कारोबारी पंजाब के बाद इन राज्‍यों की ओर रुख कर रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने ड्रग का कारोबार रोकने के लिए हरियाणा सहित अन्‍य राज्‍यों से सहयोग मांगा था। इसके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उत्तर भारत के राज्यों की कॉन्फ्रेंस बुलाने की बड़ी पहल की।

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