लॉकडाउन में छूट के बाद सक्रिय हुए किसान, भूमि मुआवजे के लिए सोशल मीडिया पर बढ़ी आंदोलन की हलचल

लॉकडाउन के चलते जींद और चरखीदादारी के 25 गांवों के किसानों का धरना स्थगित हो गया था। अब लॉकडाउन में छूट के बाद किसान फिर से सक्रिय होने लगे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 26 May 2020 01:36 PM (IST) Updated:Tue, 26 May 2020 01:36 PM (IST)
लॉकडाउन में छूट के बाद सक्रिय हुए किसान, भूमि मुआवजे के लिए सोशल मीडिया पर बढ़ी आंदोलन की हलचल
लॉकडाउन में छूट के बाद सक्रिय हुए किसान, भूमि मुआवजे के लिए सोशल मीडिया पर बढ़ी आंदोलन की हलचल

जेएनएन, नई दिल्ली। Coronavirus के प्रकोप के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन में ग्रीन कॉरिडोर 152 डी के लिए अधिग्रहीत जमीन के मुआवजे में बढ़ोतरी की मांग कर रहे किसानों का आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। लाॅकडाउन के चौथे चरण के अंतिम सप्ताह में यह आंदोलन अब सोशल मीडिया पर बढ़ने लगा है। बता दें, किसानों का आंदोलन लॉकडाउन के चलते स्थगित हो गया था। इसमें जींद व चरखी दादरी के 25 गांवों के किसानों का धरना चल रहा था। किसान नेता रमेश दलाल सोशल मीडिया के प्लेटफार्म के जरिये किसानों के बीच आंदोलन को नए रूप में सक्रिय कर रहे हैं।

फिलहाल मुद्दा यह लिया गया है कि जींद और चरखीदादरी के किसानों को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की नीति के अनुसार दो गुणा भूमि मुआवजा न देकर हरियाणा सरकार की नीति के अनुसार सवा गुणा मुआवजा ही दिया जा रहा है। इसके लिए किसानों का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी मिल चुका है। गडकरी ने राज्य सरकार को भूमि मुआवजा बढ़ाने के लिए कलेक्टर रेट बढ़ाने के आदेश दिए थे, मगर अभी राज्य सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है।

दलाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों को जागरूक किया कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने कैबिनेट से मंजूर परियोजनाओं को इधर से उधर किया है। इसका नुकसान भी हरियाणा के किसानों को होगा, इसलिए प्रत्येक योजना के विस्तृत रूप में तथ्यात्मक आंकड़ों के साथ किसान गडकरी को दिल्ली में लॉकडाउन खुलने के बाद ज्ञापन देंगे। फिलहाल केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को इस बाबत एक ज्ञापन भी भेजा जाएगा।

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