रीढ़ की समस्याओं पर हेल्थ टॉक में दिए गुर

जागरण संवाददाता, पंचकूला : रीढ़ की समस्याओं पर आयोजित हेल्थ टॉक में 60 से अधिक सीनियर सि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Dec 2017 07:02 PM (IST) Updated:Sat, 16 Dec 2017 07:02 PM (IST)
रीढ़ की समस्याओं पर हेल्थ टॉक में दिए गुर
रीढ़ की समस्याओं पर हेल्थ टॉक में दिए गुर

जागरण संवाददाता, पंचकूला : रीढ़ की समस्याओं पर आयोजित हेल्थ टॉक में 60 से अधिक सीनियर सिटीजंस ने शनिवार को हिस्सा लिया। हेल्थ टॉक का आयोजन अलकेमिस्ट हॉस्पिटल की ओर से सीनियर सिटीजन क्लब सेक्टर-25 में किया गया। कंसलटेंट न्यूरो सर्जरी डॉ. हरसिमरत बीर सिंह सोढ़ी ने कहा कि सीनियर सिटीजंस में रीढ़ से संबंधित समस्याएं बढ़ जाती हैं, जैसे (डिस्क डीहाईड्रेशन), लिंगामेंट्स (हायपर ट्रॉफी) और बॉनी आउट-ग्रोथस (ऑस्टियोफाइट्स) आदि। ये सभी परिवर्तन तंत्रिका से संबंधित दर्द और तंत्रिका से संबंधित दर्द पैदा करते हैं और ये उनके कैनाल स्टेनोसिस की धमनियों से जुड़े होते हैं। डॉ. सोढ़ी ने कहा कि ऊपरी रीढ़ प्रभावित होने पर ये परिवर्तन गर्दन से पूरे रीढ़ की हड्डी उभर सकते हैं। रोगियों को हाथों में दर्द होता है, हाथ की पकड़ में कमजोरी, या दोनों पैरों में अकड़न की समस्या पैदा हो सकती है। अगर ऐसे बदलाव रीढ़ के निचले हिस्से में लंबर स्पोंडिलोसिस के समान परिवर्तन होते हैं, तो पीठ में दर्द, पैरों या चलने में कठिनाई में दर्द हो सकता है। बुजुर्ग रोगियों को भी ऑस्टियोपोरोसिस फ्रेक्चर की समस्या हो सकती है, क्योंकि उम्र के साथ बोन डेनिसिटी में कमजोरी आ जाती है।

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