त्वरित टिप्पणी: हरियाणा बन रहा भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन
Haryana Budget 2020 हरियाणा तेजी से भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन बन रहा है। हरियाणा और दिल्ली के विधानसभा चुनावों से सबक लेकर सरकार विकास की राह पर आगे बढ़ी है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को वित्त मंत्री के नाते जिस तरह का बजट पेश किया, उसे लेकर विपक्ष भले ही हो-हल्ला मचाए, लेकिन एक लाख 42 हजार करोड़ रुपये के इस बजट में तमाम उन वंचित वर्ग के भविष्य की चिंता की गई है, जो सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाता है या फिर उनके हिस्से की योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है।
हरियाणा और दिल्ली के चुनाव नतीजों से सबक लेकर भाजपा बढ़ रही विकास की राह
हरियाणा में हाल फिलहाल विधानसभा चुनाव निपटे हैैं। चार माह पहले ही राज्य में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार बनी है। भाजपा ने इस चुनाव से पहले 75 से अधिक विधानसभा सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन उसे 40 सीटों पर संतोष करना पड़ा। 10 सीटें इनेलो से अलग हुई जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला को मिली और सात निर्दलीय उम्मीदवार चुनकर आए, जिनमें से छह का समर्थन भाजपा के साथ है।
शहरों के साथ-साथ गांवों को साधने की रणनीति, विकास के लिए कर्ज से परहेज नहीं
भाजपा-जजपा गठबंधन ने राज्य में सरकार तो बना ली, लेकिन दोनों दलों के लिए प्रदेश की जनता का भरोसा जीतना सबसे बड़ी चुनौती दी। इसके तुरंत बाद दिल्ली में विधानसभा चुनाव हो गए। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल तमाम उन मुद्दों पर चुनाव जीतकर आए, जो सीधे तौर पर आम जनता से जुड़े हैैं। लिहाजा मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, रोजगार और सुरक्षा टाप एजेंडे पर नजर आए।
हरियाणा चूंकि कृषि प्रधान राज्य है। भाजपा को पहले से शहरों की पार्टी माना जाता है। जजपा ग्रामीण मतदाताओं पर अपना दावा जताती है। ऐसे में भविष्य की राजनीति को यदि ध्यान में रखा जाए तो किसानों के हितों की चिंता कर गठबंधन की सरकार ने आगे की अभी से सोच ली है। सरकारी योजनाओं में धन का आïवंटन भी इस तरह से किया गया है, ताकि हर मेहनतकश आम हरियाणवी अपने जीवन को सुगम होता और अपनी आय को बढ़ता हुआ पाए।
अब सवाल खड़ा होता है, राज्य की अर्थव्यवस्था का। प्रदेश पर पिछले चार सालों से लगातार कर्ज बढ़ रहा है। करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये के बजट वाले राज्य पर कर्ज एक लाख 92 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। हालांकि विपक्ष खासकर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा व अभय चौटाला इसे खतरे की घंटी मानते हैैं, लेकिन सरकार ने बजट में पूंजीगत खर्च बढ़ाने का भरोसा दिलाने के साथ ही विपक्ष को यह गारंटी दी है कि केंद्रीय मानकों के कर्ज लेने की लक्ष्मण रेखा को पार नहीं किया गया है।
हरियाणा की आर्थिक वृद्धि दर और प्रति व्यक्ति आय में हो रही बढ़ोतरी
वर्ष 2019-20 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वर्तमान मूल्यों पर 204.42 लाख करोड़ रुपये और हरियाणा की जीएसडीपी 8.32 लाख करोड़ रुपये रहेगी। इसका अर्थ यह हुआ कि देश के क्षेत्रफल का 1.34 प्रतिशत और जनसंख्या का 2.09 प्रतिशत होने के बावजूद आज देश की जीडीपी में हरियाणा का 4.07 फीसदी योगदान है। 2019-20 के दौरान स्थिर मूल्यों पर भारत की आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत जबकि हरियाणा की आर्थिक वृद्धि दर 7.75 फीसदी रहेगी।
2014-15 से 2018-19 के दौरान हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय में 35.49 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2018-19 में स्थिर मूल्यों पर एक लाख 69 हजार 409 रुपये की तुलना में वर्ष 2019-20 में बढ़कर एक लाख 80 हजार 26 रुपये होने का अनुमान है, जो कि 6.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाती है। वर्ष 2019-20 में वर्तमान मूल्यों पर हरियाणा की प्रति व्यक्ति आ? 2 लाख 64 हजार 207 रुपये अनुमानित है, जो कि 1 लाख 35 हजार 50 रुपये की राष्ट्रीय आय से लगभग डबल है।
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