फांसी मामलों पर DGP ने दी ओपिनियन, कहा- गर्दन के आसपास से फिंगरप्रिंट लेना संभव नहीं

हरियाणा के DGP ने हरियाणा के एडवोकेट जनरल को ओपिनियन दिया है कि फांसी के मामलों में मृत व्यक्ति की गर्दन के आसपास से फिंगरप्रिंट लेना संभव नहीं है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 28 Jun 2020 03:55 PM (IST) Updated:Sun, 28 Jun 2020 03:55 PM (IST)
फांसी मामलों पर DGP ने दी ओपिनियन, कहा- गर्दन के आसपास से फिंगरप्रिंट लेना संभव नहीं
फांसी मामलों पर DGP ने दी ओपिनियन, कहा- गर्दन के आसपास से फिंगरप्रिंट लेना संभव नहीं

चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। हरियाणा के DGP ने हरियाणा के एडवोकेट जनरल को ओपिनियन दिया है कि फांसी से होने वाली मौत के मामलों में गले के आसपास के फिंगरप्रिंट लेना संभव नहीं, क्योंकि पसीने या कुछ अन्य कारणों के कुछ क्षण बाद ही फिंगरप्रिंट खत्म हो जाते हैं। एक मर्डर केस में हाईकोर्ट ने एडवोकेट जनरल (AG) से इस बाबत राय मांगी थी कि क्या आत्महत्या करने वाले किसी व्यक्ति के शरीर या गले के आसपास आसपास के फिंगरप्रिंट लिए जा सकते हैं। इस पर एडवोकेट जनरल ने DGP व फॉरेंसिक डिपार्टमेंट से राय मांगी थी।

DGP ने अपने ओपीनियन में कहा है कि जांच की प्रक्रिया के दौरान मैनुअल स्ट्रैग्यूलेशन/ थ्रोटलिंग के मामलों में मृतक के शरीर से फिंगर प्रिंट उठाना जांच अधिकारियों के लिए मुश्किल है। DGP ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस मुद्दे पर अनुसंधान के वर्तमान स्तर को देखते हुए, जांच अधिकारियों और फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) की टीमों को निर्देश देना उचित नहीं होगा कि वो मृत व्यक्ति की गर्दन से उंगलियों के निशान को अनिवार्य रूप से उठाएं।

हरियाणा के महाधिवक्ता, बीआर महाजन ने दो मार्च को एक आधिकारिक पत्र में DGP से जांच के दौरान मैनुअल गला घोंटने या फांसी के मामलों में मृतक के शरीर से अंगूलियों के निशान उठाने की संभावना का पता लगाने की मांग की थी। महाजन से गला घोंटने के कारण हत्या के एक संदिग्ध मामले की सुनवाई के हाई कोर्ट ने राय मांगी थी। हाई कोर्ट ने इस संभावना का पता लगाना चाहता था कि क्या ऐसे मामलों में फिंगर प्रिंट उठाए जा सकते हैं और आवश्यक दिशा-निर्देश हो सकते हैं।

इस मुद्दे पर विस्तृत जवाब में हरियाणा DGP मनोज यादव ने 19 जून को जारी अपने पत्र में एजी को स्पष्ट किया है कि गला घोंटने के शिकार व्यक्ति के शरीर से अंगुलियों के निशान उठाना संभव नहीं है। संभावना है कि उंगलियों के निशान पीड़ित व्यक्ति की गर्दन से कुछ समय के भीतर, मानव त्वचा में बदलाव के कारण और साथ ही पसीने, शरीर के तापमान आदि जैसे विभिन्न कारकों के कारण गायब हो जाता है। DGP ने यह ओपीनियन निदेशक, राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) व पेशेवर राय प्राप्त करने के बाद दिया है।

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