नेक चंद को अमर रखे है पीडी गौरी

-पंचकूला में नेक चंद की तरह ही बना रहे कृतियां -सेक्टर 12ए के बाद टोपारी पार्क में दिख रही कृतियां

By Edited By: Publish:Sun, 22 Nov 2015 06:44 PM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2015 06:44 PM (IST)
नेक चंद को अमर रखे है पीडी गौरी

-पंचकूला में नेक चंद की तरह ही बना रहे कृतियां

-सेक्टर 12ए के बाद टोपारी पार्क में दिख रही कृतियां

-रेल इंजन, बत्तख, स्टैच्यू लग रहे है आकर्षक

फोटो सहित

राजेश मलकानियां, पंचकूला

पीडी गौरी, उम्र 80 साल, शौक खराब सामान से सुंदर कृतियां बनाना। यह एक ऐसे शख्स है, जोकि रॉक गार्डन के निर्माता नेक चंद को अमर रखने के लिए उनकी ही तरह पंचकूला में वेस्ट मैटीरियल से अद्भुत कृतियां बना रहे हैं। जुनून है कि चंडीगढ़ जिस तरह रॉक गार्डन के नाम से मशहूर है, वैसा ही कुछ पंचकूला में भी हो। सेक्टर 12ए के पार्क में अपनी अद्भुत कला का नजारा दिखा चुके पीडी गौरी को जिला प्रशासन ने टोपारी पार्क में कुछ कर दिखाने के लिए कहा था। उन्होंने 10 महीने के अंदर ही छोटी सी जगह में ऐसा कमाल कर दिखाया कि कोई जवान भी फेल हो जाए।

वेस्ट बिल्डिंग मैटीरियल से पीडी गौरी ने एक इंडियन रेलवे का इंजन तैयार कर दिया है। आम आदमी की सोच से परे पीडी गौरी ने विभिन्न स्थानों से वेस्ट मारवल एवं मलवा इक्ट्ठा किया और थोड़े से सीमेंट की मदद से शानदार रेल इंजन बना दिया। दूर से देखते ही कोई भी बता देगा कि यह पुरानी गाड़ी का रेल इंजन है। इसके अलावा कुल्फी का मटका, बत्तख, इंसान का स्टैच्यू, बच्चों के पानी की बोतल बेस्ट मैटीरियल से बना दिया है।

पीडी गौरी को सेक्टर 6 के टोपारी पार्क में हुडा ने कनाल जमीन दी है। यहा पर वह वेस्ट बिल्डिंग मैटीरियल को अलग-अलग रूप देने का काम कर रहे हैं। इसकी शुरूआत फरवरी महीने से की थी।

इसके अलावा वह सिंगापुर की तरह डिजाइन्ड बिल्डिंग उनके पार्को में सजाए गए डिजाइंड गमले, होटलों के सामने स्पेशल डिजाइंड टेबल लैंप सहित कई अन्य आकृतिया बनाने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में सिंगापुर का दौरा कर डिजाइनों के बारे में जानकारी ली है। गौरी ने सेक्टर 12ए में पहले भी एक मिनी रॉक गार्डन डेवलप किया हुआ है। गौरी ने कहा कि वह नेक चंद से काफी प्रभावित है और उनके देहांत के बाद भी उन्हे अमर रखना चाहते है। नेक चंद का मुकाबला करना तो खैर संभव नहीं, लेकिन पंचकूला में ऐसा कुछ बनाने का सपना है, जिससे पंचकूला की अपनी पहचान हो। गौरी मानते है कि थोड़ी बहुत निजी और सरकारी मदद मिल जाए, तो वह बेहद आकर्षक कृतियां बना देंगे।

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