संविधान में हरेक को मिला है स्वास्थ्य का मूल अधिकार

हर व्यक्ति को संविधान में स्वास्थ्य का मूलभूत अधिकार दिया गया है। ऐसे में विशेषज्ञ व आम लोगों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मरीजों के अधिकारों पर चार्टर का मसौदा जारी किए जाने के फैसले को एक बड़ा कदम बताया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 01:24 AM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 01:24 AM (IST)
संविधान में हरेक को मिला है स्वास्थ्य का मूल अधिकार
संविधान में हरेक को मिला है स्वास्थ्य का मूल अधिकार

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

हर व्यक्ति को संविधान में स्वास्थ्य का मूलभूत अधिकार दिया गया है। ऐसे में विशेषज्ञ व आम लोगों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मरीजों के अधिकारों पर चार्टर का मसौदा जारी किए जाने के फैसले को एक बड़ा कदम बताया है। आम लोगों ने इस पर खुशी जाहिर की है कि कुछ ऐसे अस्पताल जो बिल की अदायगी नहीं करने पर किसी भी तरह से मरीजों को बंधक बनाते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं चिकित्सकों का कहना है कि इस तरह के फैसले करते हुए दोनों तरफ के हितों को सुरक्षित रखा जाना चाहिए, मरीज के भी और चिकित्सक के भी। इस तरह का भी प्रावधान होना चाहिए कि अगर कोई मरीज भुगतान करे बगैर ही चला जाता है तो उसके खिलाफ क्या करना चाहिए। फोटो संख्या : 23

सख्त नियम बनाने चाहिए अधिवक्ता लवकेश मैहता ने बताया कि संविधान में स्वास्थ्य को मूलभूत अधिकार माना गया है। ऐसे में अगर किसी मरीज को गंभीर हालत में किसी अस्पताल में दाखिल कराया जाता है तो उसे उपचार दिया जाना चाहिए। इस तरह के नियम बनाना भी इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार को चाहिए कि उपचार से पहले मरीजों को ब्लैकमेल करने वाले उन चिकित्सकों के खिलाफ सख्त नियम भी बनाने चाहिए। यह अच्छा फैसला है। फोटो संख्या : 24

राहत देने वाले नियम विकास सैनी ने कहा कि इस तरह के नियम आम लोगों को काफी राहत देने वाले हैं। जिन लोगों के पास तुरंत उपचार के लिए पैसा जमा कराने के लिए एकत्रित नहीं हो पाता उनके लिए भी इसमें कुछ राहत होनी चाहिए। सरकार को चाहिए कि आम लोगों के हितों में इस तरह के कानून बनाएं जाएं, क्योंकि स्वास्थ्य का अधिकार सीधे व्यक्ति के जीवन से जुड़ा है। ऐसे में सरकार को कुछ सख्त कदम उठाने भी पड़े तो उन्हें उठाने चाहिए। बहुत से ऐसे मामले सुनने को मिलते हैं, जिनमें मरीजों को पहले पैसा जमा कराने के लिए कहकर शव तक बंधक बना दिए जाते हैं। इस तरह के नियम जल्दी से जल्दी लागू करने चाहिए। फोटो संख्या : 25

अगर मरीज के परिजन फीस नहीं देते तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई का हो प्रावधान आइएमए के सचिव डॉ. नरेंद्र परुथी ने कहा कि कोई भी नया नियम बनाते समय दोनों तरफ के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए। केवल मरीज ही नहीं चिकित्सकों के अधिकारों को भी संरक्षित करने की जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की है। कोई भी चिकित्सक मरीजों को बंधक नहीं बनाना चाहता। मगर सरकार को एक ऐसा नियम भी बनाना चाहिए, जिससे अगर मरीज के परिजन फीस नहीं दें तो उस ²ष्टि में मरीज के खिलाफ भी कार्रवाई करने का प्रावधान होना चाहिए। फोटो संख्या : 26

चिकित्सकों के अधिकारों का भी रखें ध्यान

बीएस हार्ट केयर अस्पताल संचालक डॉ. पवन बंसल ने बताया कि कोई भी चिकित्सक मरीज को बंधक नहीं बनाना चाहता। मगर केवल मरीजों के अधिकारों का ध्यान नहीं रखा जाए, चिकित्सकों के अधिकारों को भी संरक्षित किया जाए। जो लोग उपचार लेकर भी पैसे देने से मना कर देते हैं तो उसके लिए भी प्रावधान हो।

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