हनी ट्रैप मामले में जेल में बंद बंदी की बीमारी से मौत

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : हनी ट्रैप मामले में जेल में बंद बंदी की टीबी की बीमारी के चल

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Mar 2018 02:00 AM (IST) Updated:Sun, 11 Mar 2018 02:00 AM (IST)
हनी ट्रैप मामले में जेल में बंद बंदी की बीमारी से मौत
हनी ट्रैप मामले में जेल में बंद बंदी की बीमारी से मौत

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

हनी ट्रैप मामले में जेल में बंद बंदी की टीबी की बीमारी के चलते मौत हो गई है। जेल प्रशासन ने बंदी की मौत की सूचना जिला एवं सत्र न्यायाधीश व पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर सीन आफ क्राइम टीम से जांच कराई और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में तीन चिकित्सकों के पैनल में शव का पोस्टमार्टम किया गया और पूरे मामले में वीडियोग्राफी की गई। पुलिस ने मामले में 174 की कार्रवाई की गई है।

जेल अधीक्षक डॉ. संजय ¨सह ने बताया कि कैथल के गांव मूंदड़ी निवासी 32 वर्षीय बलराज ¨सह हनी ट्रैप के मामले में 15 फरवरी 2018 को जेल में आया था। जेल में रहने के दौरान ही उसे खांसी की दिक्कत के चलते लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में उपचार कराया गया तो पता चला कि उसे टीबी से ग्रस्त है। उसका इलाज चल रहा था और उसे अलग बैरक में रखा जा रहा था। शनिवार सुबह सात बजे जब जेल कर्मियों ने उसकी बैरक में जा कर देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी। जेल प्रशासन ने इसकी सूचना जिला एवं सत्र न्यायाधीश व पुलिस को दी। सूचना मिलते ही न्यायाधीश सौरभ शर्मा की देखरेख में कार्रवाई की गई। चिकित्सक डॉ. लज्जा राम, डॉ. एसएस अरोड़ा व डॉ. संदीप ने पोस्टमार्टम किया। सेक्टर सात पुलिस चौकी प्रभारी राजपाल ¨सह ने बताया कि पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है।

टीबी के बारे में नहीं थी जानकारी

पोस्टमार्टम रूम पर पहुंचे मृतक बलराज के भाई संजू ने बताया कि उन्हें टीबी की बीमारी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। हालांकि उसे पिछले कुछ समय से खांसी थी। सुबह उन्हें सूचना मिली थी कि उसकी मौत हो चुकी है। उन्होंने किसी तरह का आरोप नहीं लगाया है।

हनी ट्रैप मामले में काबू किए थे पांच आरोपी

पुलिस ने गीता कॉलोनी के दुकानदार अमन की शिकायत के आधार पर हनी ट्रैप के मामले में दो महिलाओं सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसमें बलराम भी आरोपित था। आरोपितों ने दुकानदार से नकदी, जेवर व 10 लाख रुपये का चेक छीन लिया था। इस मामले में मुख्यारोपित कैथल निवासी पवन की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

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