अवैध कालोनियों पर करें कार्रवाई, हर माह हटाएं दो अवैध कब्जे: डीसी

उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि नई अवैध कालानियों को किसी भी सूरत में न पनपने दिया जाए। अगर कोई कोशिश करता है तो उसे तुरंत ध्वस्त किया जाए। उन्होंने नगर पालिका सचिवों को सख्त हिदायत दी कि वे महीने में दो अवैध कब्जे अवश्य हटवाएं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 05:33 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 05:33 PM (IST)
अवैध कालोनियों पर करें कार्रवाई, हर माह हटाएं दो अवैध कब्जे: डीसी
अवैध कालोनियों पर करें कार्रवाई, हर माह हटाएं दो अवैध कब्जे: डीसी

करनाल (विज्ञप्ति): उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि नई अवैध कालानियों को किसी भी सूरत में न पनपने दिया जाए। अगर कोई कोशिश करता है तो उसे तुरंत ध्वस्त किया जाए। उन्होंने नगर पालिका सचिवों को सख्त हिदायत दी कि वे महीने में दो अवैध कब्जे अवश्य हटवाएं। इसके लिए ड्यूटी मैजिस्ट्रेट व पुलिसबल प्रशासन की ओर से तुरंत मुहैया करवाया जाएगा।

उपायुक्त सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में डीटीपी की ओर से आयोजित बैठक में अवैध कालोनियों व कब्जों को हटाने को लेकर समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर करनाल से नीलोखेड़ी के बीच में करीब 15 जगह अवैध कट लगे हुए हैं। एनएचआइ व लोक निर्माण विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि इन अवैध कटों को तुरंत बैरिकेडस लगवाकर बंद किया जाए। इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग पर करनाल से नीलोखेड़ी के बीच में हरि मोटर गैरेज, राज मोटर गैरेज, नालागढ़ पंजाबी ढाबा, श्री कृष्णा वैष्णो ढाबा, न्यू मयूर पंजाबी ढाबा, एब्रो इनिडा, न्यू झिममिल ढाबा, गुरू कृपा वैष्णो, मिरघा टैंट हाउस, टशन ढाबा, मेजबान ढाबा तथा करनाल से घरौंडा बाबा ढाबा, दाना पानी ढाबा व घरौंडा से करनाल बांसुरी वाला तथा मयूर ढाबा शामिल हैं।

बैठक में डीटीपी विक्रम ने बताया कि सितम्बर माह के दौरान विभाग की ओर से जिले में नौ बड़ी कार्रवाई की गईं। इनमें अवैध कालोनियों, अवैध ढाबों को ध्वस्त किया जाना तथा दुकानों को सील किया जाना शामिल है। इसके अलावा आठ ऐसी अवैध कालोनियां शामिल रहीं, जिनमें कमांडो कम्पलैक्स के नजदीक, नेवल रोड, नजदीक पेरिस प्लाजा, नजदीक जरीफा विरान, दीवान कालोनी, नजदीक घोघड़ीपुर, नजदीक निसिग व एयरपोर्ट के सामने कालोनियां पनपने का प्रयास कर रही थीं। इनमें कोई भी सड़क, गली, सीवरेज, पानी की व्यवस्था नहीं होने दी गई। अब इन कालोनियों के मालिकों ने पुन: जमीन में खेती शुरू कर दी है।

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