हिंदी साहित्य में मिलती भारतीय संस्कृति के उच्च मूल्यों की जानकारी

प्रतियोगिता में विजयोपहार मनोज भारद्वाज राजीव गांधी कॉलेज नरवाना ने प्राप्त किया। व्यक्तिगत पुरस्कार में प्रथम पुरस्कार कमलदीप पंडित चिरंजी लाल कॉलेज करनाल और द्वितीय पुरस्कार कीर्ति दयाल सिंह कॉलेज करनाल और तृतीय पुरस्कार मुकुल यादव दयानंद कॉलेज हिसार ने प्राप्त किया। प्रोत्साहन पुरस्कार भावना एसडी कॉलेज अंबाला शहर और रवि कुमार शहीद ऊधम सिंह कॉलेज इंद्री को मिला है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 07:43 AM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 07:43 AM (IST)
हिंदी साहित्य में मिलती भारतीय संस्कृति के उच्च मूल्यों की जानकारी
हिंदी साहित्य में मिलती भारतीय संस्कृति के उच्च मूल्यों की जानकारी

जागरण संवाददाता, करनाल : दयाल सिंह कॉलेज में हिदी साहित्य परिषद के तत्वावधान में डॉ. रत्न चंद्र शर्मा स्मृति राज्य स्तरीय अंतर महाविद्यालय हिदी कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रदेश के विभिन्न प्रतिष्ठित महाविद्यालयों के 43 प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक पर्यावरण प्रदूषण, छुआ-छूत, बाल विवाह, सांप्रदायिकता, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, वृक्षारोपण, जलवायु परिवर्तन, जल संकट, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, नारी शिक्षा, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे सामाजिक विषयों पर कविता पाठ प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।

राजीव गांधी कॉलेज नरवाना के मनोज को विजयोपहार

प्रतियोगिता में विजयोपहार मनोज भारद्वाज राजीव गांधी कॉलेज नरवाना ने प्राप्त किया। व्यक्तिगत पुरस्कार में प्रथम पुरस्कार कमलदीप पंडित चिरंजी लाल कॉलेज करनाल और द्वितीय पुरस्कार कीर्ति दयाल सिंह कॉलेज करनाल और तृतीय पुरस्कार मुकुल यादव दयानंद कॉलेज हिसार ने प्राप्त किया। प्रोत्साहन पुरस्कार भावना एसडी कॉलेज अंबाला शहर और रवि कुमार शहीद ऊधम सिंह कॉलेज इंद्री को मिला है।

हिदी से भारतीय संस्कृति के मूल्यों की जानकारी : डॉ. पूर्णमल गौड़

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. पूर्णमल गौड़, प्राचार्य डॉ. चंद्रशेखर भारद्वाज, हिदी विभागाध्यक्ष, हिदी साहित्य परिषद के अध्यक्ष डॉ. रणधीर सिंह, डॉ. सुभाष चंद्र सैनी, राजीव रंजन, डॉ. कांता वर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया।

प्राचार्य डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि हिदी एक समृद्ध भाषा है, जिसमें कविताएं और देशभक्ति गीतों के माध्यम से राष्ट्रप्रेम की अभिव्यक्ति होती है। हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. पूर्णमल गौड़ ने कहा कि हिदी साहित्य ही हमारी आदर्श भारतीय संस्कृति को पुनस्र्थापित कर सकता है। आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक के हिदी साहित्य का यदि हम गहराई से अध्ययन करें तो भारतीय संस्कृति के उच्च मूल्यों की जानकारी मिलती है।

33 वर्षो से किया जा रहा आयोजन

संयोजक डॉ. रणधीर सिंह ने कहा कि यह राज्य स्तरीय प्रतियोगिता कॉलेज में पिछले 33 वर्षो से निरंतर आयोजित की जा रही है, जिसमें प्रदेशभर से विद्यार्थी हिस्सा लेते हैं। मंच संचालन करते हुए हिदी साहित्य परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. सुभाष चंद्र सैनी ने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताओं में विद्यार्थी समाज के संवेदनशील मुद्दों को प्रस्तुत कर हम सबका ध्यान आकर्षित कर समाज में एक रचनात्मक भूमिका निभाते हैं।

इस अवसर पर डॉ. राजेंद्र कौशिक, डॉ. बलबीर सिंह, डॉ. सुरेंद्र वाला, डॉ. जयकुमार, अंग्रेजी विभाग से डॉ. रितु शर्मा, अर्थशास्त्र विभाग डॉ. रितु शर्मा, डॉ. रेनू तंवर, मीनू आनंद, प्रवीण डांडा, बलजिद्र सिंह, धीरज कौशिक, सुभाष आर्य मौजूद थे।

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