राजकीय कॉलेजों में वर्कलोड होगा कम

उच्चतर शिक्षा विभाग के राजकीय कॉलेजों के लिए इस वर्ष जारी की गई गाइडलाइन में लेक्चर व सेक्शन के नियमों में बदलाव किया है। इसमें अब एक प्राध्यापकों को छह दिनों में थ्योरी में 24 लेक्चर प्रैक्टिकल में 27 लेक्चर लगाने के आदेश दिए है जो पहले 27 व 30 होते थे। इसके साथ ही 80 से अधिक विद्यार्थियों की संख्या होने पर नया सेक्शन बनाने के भी आदेश जारी किए है। इससे कॉलेजों में पढ़ा रहे अध्यापकों का वर्क लोड भी कम होगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 18 Sep 2019 09:44 AM (IST) Updated:Wed, 18 Sep 2019 09:44 AM (IST)
राजकीय कॉलेजों में वर्कलोड होगा कम
राजकीय कॉलेजों में वर्कलोड होगा कम

कमल बहल, कैथल :

उच्चतर शिक्षा विभाग के राजकीय कॉलेजों के लिए इस वर्ष जारी की गई गाइडलाइन में लेक्चर व सेक्शन के नियमों में बदलाव किया है। इसमें अब एक प्राध्यापकों को छह दिनों में थ्योरी में 24 लेक्चर, प्रैक्टिकल में 27 लेक्चर लगाने के आदेश दिए है, जो पहले 27 व 30 होते थे। इसके साथ ही 80 से अधिक विद्यार्थियों की संख्या होने पर नया सेक्शन बनाने के भी आदेश जारी किए है। इससे कॉलेजों में पढ़ा रहे अध्यापकों का वर्क लोड भी कम होगा। विभाग ने यह फैसला विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा को उत्कृष्ट बनाने के उद्देश्य से लिया है। इसके साथ ही कॉलेजों में एक सेक्शन में 80 से विद्यार्थी नहीं हो सकेंगे। विद्यार्थियों की संख्या 80 से अधिक होने पर ग्रुप बनाने होंगे। इसके बाद ग्रुप के अनुसार प्रैक्टिकल कराए जा सकेंगे।

प्रैक्टिकल के लिए बनाए

जाएंगे दो प्रकार के ग्रुप :

उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गई वर्कलोड की गाइडलाइन के अनुसार प्रैटिकल के लिए दो तरह के ग्रुप बनाएं जाएंगे। इनमें एक में 20 से 23 विद्यार्थी रहेंगे, तो दूसरे में 15 से 18 तक विद्यार्थी रहेंगे। ऑप्शनल विषय में कम से कम 30 विद्यार्थी जरूर रहेंगे तो हिदी, संस्कृत, पंजाबी उर्दू विषय में वर्कलोड गाइडलाइन यूनिवर्सिटी के आधार पर होगी। अंग्रेजी में पढ़ाई के लिए 20 से अधिक विद्यार्थियों का ग्रुप नहीं बनाया जाएगा।

बिना अनुमति विभाग के कार्यालय में नहीं पहुंच सकेंगे प्रोफेसर :

उच्चतर शिक्षा विभाग के डायरेक्टर ने बिना अनुमति के विभाग के कार्यालय में भी प्रोफेसरों के पहुंचने पर एक पत्र जारी किया है। इसमें प्रोफेसर अब बिना अनुमति के विभाग के कार्यालय नहीं जा सकेंगे, इसके लिए उन्हें विभाग के आला अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी।

पत्र के अनुसार दिए गए निर्देश :

उच्चतर शिक्षा विभाग के जिला अधिकारी राजकीय कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ऋषिपाल बेदी ने बताया कि विभाग ने जो पत्र जारी किया है, उसके अनुसार ही कॉलेज में निर्देश दे दिए गए हैं।

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