भारत में मंदी का मुख्य कारण अमेरिका-चीन में व्यापार युद्ध

आरकेएसडी कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग की तरफ से एक एक्सटेंशन लेक्चर आयोजित किया गया। इसका विषय भारत के विकास में आई मंदी रहा। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. समिता शर्मा मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद थी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Sep 2019 09:28 AM (IST) Updated:Fri, 27 Sep 2019 09:28 AM (IST)
भारत में मंदी का मुख्य कारण
अमेरिका-चीन में व्यापार युद्ध
भारत में मंदी का मुख्य कारण अमेरिका-चीन में व्यापार युद्ध

जागरण संवाददाता, कैथल :

आरकेएसडी कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग की तरफ से एक एक्सटेंशन लेक्चर आयोजित किया गया। इसका विषय भारत के विकास में आई मंदी रहा। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. समिता शर्मा मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद थी। उन्होंने बताया कि अर्थव्यवस्था में आई मंदी आंतरिक कारणों से ही नहीं है, बल्कि इसके पीछे बाह्य कारण भी जिम्मेवार हैं। यदि आंतरिक रूप से बढ़ता हुआ एनपीए, ऑटोमोबाइल सेक्टर में बीएस 4 का आगमन और लोन का गलत प्रयोग- मुख्य कारण है। अमेरिका चीन में व्यापार युद्ध व बाजार पर नियंत्रण की प्रवृत्ति मुख्य रूप से इस मंदी के लिए ज्यादा जिम्मेवार है। डॉ. समिता शर्मा ने अपने व्याख्यान में स्पष्ट करने की कोशिश की कि अभी भी अर्थव्यवस्था संक्रमण काल से गुजर रही है, इसमें निरंतरता जल्दी ही आ जाएगी। इससे पहले कॉलेज पहुंचने पर मुख्यातिथि का स्वागत प्राचार्य डॉक्टर संजय गोयल, विभागाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र गोयल, डॉ. सूरज वालिया, प्रो. मीनू अग्रवाल, प्रो. मनिका और प्रो. श्वेता ने गुलदस्ता देकर किया। प्राचार्य डॉक्टर संजय गोयल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की जड़े परंपरागत रूप से बहुत मजबूत है, अत: इसके बारे में जल्दबाजी में कोई भी अंदाजा ना लगाया जाए, अभी अर्थव्यवस्था के विकास की संभावनाएं बहुत हैं। अत: सजग रहकर इन संभावनाओं को अवसर में बदलने की आवश्यकता है। व्याख्यान के अंत में छात्रों ने विभिन्न प्रश्नों के माध्यम से प्रो. समिता शर्मा से अर्थव्यवस्था व उससे संबंधित विभिन्न घटकों, समस्याओं और उपायों की जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों से इस व्याख्यान के बारे में फीडबैक फार्म भी भरवाए गए ताकि प्राप्त सुझावों के आधार पर भविष्य में व्याख्यान आयोजित किए जा सके। मंच संचालन डॉक्टर सूरज वालिया ने किया।

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