लोडिग के रेट कम होने के कारण अनाज मंडी के मजदूरों ने किया प्रदर्शन

अनाज मंडी में मजदूरों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर रोष प्रदर्शन किया। मंडी में काम करने वाले मजदूर प्रकाश बृजपाल ओमप्रकाश संदीप मनोज ईश्वर सागर मुन्ना ने बताया कि सरकार की ओर से एक रुपये 88 पैसे का रेट लोडिग का दिया गया है जोकि बहुत कम है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 06:59 AM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 06:59 AM (IST)
लोडिग के रेट कम होने के कारण अनाज  मंडी के मजदूरों ने किया प्रदर्शन
लोडिग के रेट कम होने के कारण अनाज मंडी के मजदूरों ने किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, पूंडरी : अनाज मंडी में मजदूरों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर रोष प्रदर्शन किया। मंडी में काम करने वाले मजदूर प्रकाश, बृजपाल, ओमप्रकाश, संदीप, मनोज, ईश्वर, सागर, मुन्ना ने बताया कि सरकार की ओर से एक रुपये 88 पैसे का रेट लोडिग का दिया गया है जोकि बहुत कम है। इससे उनके परिवार का गुजारा भी बड़ी मुश्किल से हो रहा है। गेहूं के सीजन में सरकार ने गेहूं के कट्टे का रेट डाला सहित चार रुपये प्रति बोरी किया था, लेकिन अब दोबारा धान सीजन में इसे घटाकर एक रुपये 88 पैसे लोडिग कर दिया, जिससे मजदूरों में सरकार के प्रति काफी रोष है। ठेकेदार प्रकाश और बृजपाल ने बताया कि उन्होंने बिहार से लेबर को यह कहकर बुला लिया था कि इस बार धान के सीजन में लोडिग का रेट चार रुपये और डाला अलग से मिलेगा। सरकार ने धान के सीजन में लोडिग के रेट दोबारा घटा दिए। अब बिहारी मजदूर आ तो गए, लेकिन अब वे परेशान हैं। सरकार से मांग है कि लोडिग का रेट बढ़ाए और कम से कम तीन रुपये प्रति बोरी लोडिग की जाए।

लेबर के रेट सरकार की ओर से निर्धारित किए जाते हैं और वे इसमें कुछ नहीं कर सकते। गेहूं के सीजन में गेहूं के कट्टे का रेट सरकार ने चार रुपये प्रति बैग कर दिया गया था। धान सीजन में बोरी लोडिग का रेट एक रुपये 88 पैसे सरकार ने ही किया है। अगर उनके पास मजदूर कोई लैटर लिखकर आते हैं तो वे उनकी मांग डीसी और विभाग के उच्चअधिकारियों तक पहुंचा दी जाएगी।

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