अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे अनाज मंडी आढ़ती, 39 अनाज मंडी सहित परचेज सेंटरों पर नहीं हुई खरीद

जिलेभर में किसान को जबरन उसके खाते में पेमेंट देने सहित अन्य मांगों के विरोध में हड़ताल पर रहे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 08:00 AM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 08:00 AM (IST)
अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे अनाज मंडी आढ़ती, 39 अनाज मंडी सहित परचेज सेंटरों पर नहीं हुई खरीद
अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे अनाज मंडी आढ़ती, 39 अनाज मंडी सहित परचेज सेंटरों पर नहीं हुई खरीद

जागरण संवाददाता, कैथल: जिलेभर में किसान को जबरन उसके खाते में पेमेंट देने सहित अन्य मांगों को लेकर अनाज मंडी में वीरवार को पूर्व घोषणा के मुताबिक खरीद बंद कर हड़ताल कर दी। इसके चलते किसी भी मंडी या परचेज सेंटर में गेहूं की खरीद नहीं हुई। हालांकि किसान गेहूं लेकर मंडियों में पहुंचे थे, लेकिन इनकी संख्या कम ही रही। किसानों तक आढ़तियों ने खुद भी संदेश पहुंचा दिया था कि जब तक वह न कहें, मंडियों में गेहूं लेकर न पहुंचे। आढ़तियों द्वारा ढेरियों की सफाई जरूर करवाई गई, लेकिन खरीद नहीं हुई। जिले 39 अनाज मंडियां व परचेज सेंटर हैं। मंडी एसोसिएशन के जिला प्रधान अश्वनी शोरवाला ने बताया कि 1.80 रुपये के हिसाब से आढ़तियों को अभी तक धान के सीजन की मजदूरी नहीं मिली है। साथ ही गेहूं के भुगतान में ब्याज का पैसा भी अभी तक नहीं मिला है। न तो किसान को यह राशि मिली और न ही आढ़ती के खाते में आई। कैथल मंडी की करीब 25 लाख रुपये की ब्याज राशि अटकी है।

कैथल मंडी प्रधान श्याम लाल गर्ग ने कहा कि इन मांगों को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात हुई थी, उसमें सभी मांग मानने को सात अप्रैल तक सहमति बनी थी, लेकिन आश्वासन के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला। इसके चलते मंडियों में खरीद बंद करने का फैसला लिया गया।

ये हैं मांगें

किसानों को उनके खाते में जबरदस्ती पेमेंट न दी जाए। इस सीजन जे फार्म की लेबर जे फार्म में से काटी जाए। खरीफ 2020 का भुगतान जिस भी गलत खाते में गया है। उसकी रिकवरी सरकार द्वारा की जाए। मंडी के नजदीक कंडे का तोल मान्य किया जाए। उसके बाद के वजन घटने की जिम्मेदारी आढ़ती की नहीं बल्कि ट्रांसपोर्टर की हो। जिन लोगों का धान में मैनुअल गेट बस कट गया था, जिसकी पेमेंट अभी बकाया है। उसके लिए पोर्टल पर शिकायत का विकल्प दिया जाए। आवक के हिसाब से खरीद की जानी चाहिए। खरीफ 2020 का भुगतान जिस भी गलत खाते में गया है। वह रिकवरी करना सरकार की जिम्मेदारी है। जिन लोगों को उनका पैसा अब तक नहीं मिला है, उनको पैसा दिलवाया जाए। गेहूं की खरीद न होने के कारण किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

संस, गुहला-चीका: अनाज मंडी में गेहूं नहीं बिकने के विरोध में किसानों ने मार्केट कमेटी सचिव कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उसके बाद मार्केट कमेटी कार्यालय में धरने पर बैठ गए। धरने की सूचना पाकर भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। प्रदर्शन का नेतृत्व किसान यूनियन के उपाध्यक्ष सुभाष पूनिया ने किया। चमकौर सिंह, गुरदेव बदसूई, रतना भागल, पाला भागल, कुलविद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने एक अप्रैल से गेहूं का एक-एक दाना सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीदने का वादा किया है, लेकिन नाममात्र की खरीदारी हो रही है। मार्केट कमेटी सचिव नरेंद्र ढुल का कहना है कि दोनों मंडियों में गेहूं की खरीद सुचारु रूप से चल रही है। गेहूं तुलाई की बात पर उन्होंने कहा कि जिस आढ़ती ने किसान की गेहूं की ढेरी को बेच दी है, उसकी तुलवाई करवाना आढ़ती की जिम्मेदारी है।

chat bot
आपका साथी