छात्राओं को सुविधाएं नहीं मिलने पर शिक्षा विभाग के खिलाफ होगा प्रदर्शन

सीएम मनोहर लाल द्वारा कलायत के राजकीय श्री कपिल मुनि महिला कालेज के कायाकल्प के लिए करोड़ों रुपये का बजट देने के बाद भी सुविधाओं के नाम पर छात्राओं की झोली खाली है। इसके चलते छात्राएं महाविद्यालय में प्रवेश लेने से दूरी बना रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Dec 2020 06:22 AM (IST) Updated:Wed, 30 Dec 2020 06:22 AM (IST)
छात्राओं को सुविधाएं नहीं मिलने पर  शिक्षा विभाग के खिलाफ होगा प्रदर्शन
छात्राओं को सुविधाएं नहीं मिलने पर शिक्षा विभाग के खिलाफ होगा प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, कलायत : सीएम मनोहर लाल द्वारा कलायत के राजकीय श्री कपिल मुनि महिला कालेज के कायाकल्प के लिए करोड़ों रुपये का बजट देने के बाद भी सुविधाओं के नाम पर छात्राओं की झोली खाली है। इसके चलते छात्राएं महाविद्यालय में प्रवेश लेने से दूरी बना रही हैं। परिणामस्वरूप कला संकाय के लिए निर्धारित की गई 320 सीटों में से 34 और वाणिज्य संकाय में 80 में से 62 सीटें रिक्त हैं।

इसका प्रमुख कारण कलायत खंड के एकलौते राजकीय महाविद्यालय में सुविधाओं का भारी अभाव होना बताया जा रहा है। पढ़ाई के आधुनिक संसाधन उपलब्ध होना तो दूर की बात चहारदीवारी और शौचालय भी नहीं है। बहु-बेटियों के साथ शिक्षा के नाम पर हो रहे इस खिलवाड़ को लेकर अब क्षेत्र के लोगों के सब्र का पैमाना छलक गया है।

समाज सेवी संगठनों ने महाविद्यालय में सुविधाएं उपलब्ध करवाने में कोताही करने वालों के खिलाफ अनूठा प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। संबंधित क्षेत्र के लोग महाविद्यालय की बदहाल स्थिति को लेकर संस्थान की परिक्रमा करेंगे। इस दौरान महिलाएं, बच्चे, युवा और बड़े-बुजुर्ग ढोल-नगाड़ों के साथ खड़ताल बजाते हुए शिक्षा विभाग की पोल खोलेंगे।

श्री कपिल मुनि धाम पुजारी कृष्ण गौतम, समाज सेवी हरीश गर्ग, बीरभान निर्मल, संजय सिगला, राधेश्याम का कहना है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के दौरान महिलाओं को सहूलियत देने की बजाए महिला कालेज में असुविधाओं से छात्राओं का सामना हो रहा है।

तेज किया जाएगा संघर्ष

लोगों का कहना है कि यदि समय रहते शिक्षा विभाग ने सुरक्षा के लिहाज से चहारदीवारी, शौचालय, पेयजल, बिजली और अन्य सुविधाओं को नहीं जुटाया तो संघर्ष को तेज किया जाएगा। जब किसी संस्थान में चारदीवारी की ही व्यवस्था न हो तो सुरक्षा के मायने बेमानी है। इसके लिए शिक्षा विभाग के साथ-साथ कालेज प्रबंधन के वे अधिकारी जिम्मेदार हैं जिनके कंधों पर सुविधाओं के ढांचे को मजबूत करने का दायित्व है। सीएम ने महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कलायत के सरकारी महाविद्यालय को बड़ा बजट दिया है। इसके तहत स्मार्ट कक्षाओं के लिए करीब पचास लाख, कंप्यूटर लैब पर चार लाख 87 हजार 450, पुस्तकालय तीन लाख 50 हजार, आधुनिक फर्नीचर के लिए करीब 14 लाख, सरकारी दर्जा मिलने पर जारी हुई पांच लाख रुपये की ग्रांट और महाविद्यालय कायाकल्प के लिए भी राशि जारी हुई है। अभिभावकों और समाज सेवी संगठन उक्त बजट के व्यय की सिरे से जांच करवाने की मांग उठा रहे हैं।

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