आंचल ने बिना ट्यूशन किया जिले में टॉप

संवाद सहयोगी, ढांड: सीबीएसई के घोषित बारहवीं कक्षा के नतीजों में गांव कौल की दो बेटिया

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 May 2017 12:46 AM (IST) Updated:Tue, 30 May 2017 12:46 AM (IST)
आंचल ने बिना ट्यूशन किया जिले में टॉप
आंचल ने बिना ट्यूशन किया जिले में टॉप

संवाद सहयोगी, ढांड: सीबीएसई के घोषित बारहवीं कक्षा के नतीजों में गांव कौल की दो बेटियों आंचल और दीक्षा ने जिले में अपने-अपने संकाय में प्रथम स्थान हासिल किया। यह दोनों छात्राएं आर्य पब्लिक स्कूल में पढ़ रही हैं।

अब तक टॉपर्स के स्थानों पर शहर के प्रमुख स्कूलों का ही कब्जा रहता था। इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित इस स्कूल ने बड़े बड़े स्कूलों को पछाड़ इस मुकाम को हासिल किया है। स्कूल की छात्रा आंचल ने नॉन मेडिकल में 97 प्रतिशत अंक लेकर जिले में टॉप किया है, जबकि दीक्षा ने मेडिकल संकाय में 97.6 फीसदी अंक हासिल किए हैं।

आंचल के पिता एक साधारण किसान और मां गृहणी है। दोनों दसवीं तक पढ़े हैं, लेकिन अपनी बेटी के लिए उनकी आंखों में बड़े सपने दिखाई देते हैं। आंचल ने अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय चाचा जो कि मास्टर हैं जसबीर सगवाल को दिया है। चाचा जसबीर सगवाल का कहना है कि आंचल ने अब तक का अपना सफर बिना किसी ट्यूशन के पूरा किया है।

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इंजीनियर बनना चाहती है आंचल

आंचल ने कहा कि आइआइटी में दाखिले के लिए वह मेन एग्जाम क्लियर कर चुकी है और एडवांस एग्जाम की तैयारी कर रही है। उन्होंने बताया कि उनका सपना आइआइटी से बीटेक कर इंजीनियर बनने का है। जिसके लिए बचपन से मंजिल पाने में लगी हुई है।

दीक्षा का आइएएस बनने का सपना

ढांड : सीबीएसई बारहवीं के परिणामों में गांव कौल की दीक्षा सगवाल ने मेडिकल में 97.6 प्रतिशत अंक लेकर जिले में प्रथम स्थान हासिल किया है। दीक्षा सगवाल का सपना आइएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना है। इसके लिए वह पहले ही सीढ़ी दर सीढ़ी अपनी मंजिल को पाने के लिए पूरी प्ला¨नग कर चुकी है। दीक्षा का कहना है जिले में प्रथम आना मेरे लिए और मेरे माता पिता के लिए गर्व की बात है। पूरे दिन घर में बधाई देने के लिए लोग आते रहे। साथ ही रिश्तेदारों और स्कूल स्टाफ के सदस्यों ने भी घर पहुंचकर उनको बधाई दी।

उन्होंने बताया कि उनकी सफलता का कारण रेगुलर सात से आठ घंटे की स्टडी रही है। उन्होंने सभी विषयों का कुछ इस तरह समय के अनुसार विभाजन किया था कि जिसके कारण उसको सिलेबस पूरा हो सका। उन्होंने बताया कि उनकी सफलता में स्कूल स्टाफ और उनके माता पिता का योगदान बहुत ज्यादा रहा है।

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हेड मास्टर थे दीक्षा के दादा

आर्य पब्लिक स्कूल में पढ़ रही दीक्षा सगवाल के स्व. दादा हेड मास्टर थे। जो उनके लिए प्रेरणा का स्त्रोत थे। उनके कारण ही दीक्षा की पढ़ाई के क्षेत्र में रुचि बनी और आज दीक्षा ने अपने दादा का नाम पूरे जिले में रोशन कर दिया है। इससे पहले दीक्षा दसवीं कक्षा में टॉपर रह चुकी है।

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आर्य पब्लिक स्कूल के अध्यक्ष प्रद्युम्न और निदेशक हुसनपाल ¨सह ने बताया कि दोनों ही छात्राओं ने यह मुकाम पाने के लिए बहुत मेहनत की है। ग्रामीण अंचल से होने के बाद भी इस तरह का प्रदर्शन काबिले तारीफ है। आने वाले समय में भी ये दोनों छात्राएं जिला ही नहीं प्रदेश और देश में भी अपना नाम रोशन करेंगी।

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