लिफ्ट ऑफ फिल्म फेस्टिवल लंदन में जींद के शिवराज की फिल्म चयनित

माया नगरी मुंबई में कुछ नया करने की जिद में खुद का प्रोडक्शन हाउस तैयार करने वाले जींद के छोरे शिवराज गोयत की पहली फीचर फिल्म तूं तो है बस एक किरदार का चयन लंदन के लिफ्ट ऑफ फिल्म फेस्टिवल के लिए हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Jun 2019 06:00 AM (IST) Updated:Mon, 10 Jun 2019 06:42 AM (IST)
लिफ्ट ऑफ फिल्म फेस्टिवल लंदन में जींद के शिवराज की फिल्म चयनित
लिफ्ट ऑफ फिल्म फेस्टिवल लंदन में जींद के शिवराज की फिल्म चयनित

जागरण संवाददाता, जींद : माया नगरी मुंबई में कुछ नया करने की जिद में खुद का प्रोडक्शन हाउस तैयार करने वाले जींद के छोरे शिवराज गोयत की पहली फीचर फिल्म तूं तो है बस एक किरदार का चयन लंदन के लिफ्ट ऑफ फिल्म फेस्टिवल के लिए हुआ है।

मुंबई से फोन पर दैनिक जागरण से बातचीत में शिवराज ने बताया कि वह कई शॉर्ट फिल्में बना चुके हैं, लेकिन उन्हें बेहद खुशी हुई कि पहली फीचर फिल्म का चयन अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में हुआ है। यह फिल्म गंगा पर बनाई है, जिसकी ज्यादातर शूटिंग इलाहाबाद में हुई है। इसमें मिस नॉर्थ इंडिया रही श्वेता राणा की कहानी है, जो एक्टर बनना चाहती है। फिल्म में बताया है कि गंगा हमारे लिए कितनी पवित्र है और उसी गंगा में हम गंदगी फैलाते हैं। कहीं कचरा, पोलिथिन डालते हैं तो कहीं अर्थिया बहाई जाती हैं। इससे कई जगह गंगा का रंग काला व हरा हो गया है। फिल्म में संदेश दिया है कि हमारी भी जिम्मेदारी है कि गंगा को साफ रखें। जींद के गाव झाझ निवासी शिवराज ने बताया कि उनकी फिल्म का चयन फ‌र्स्ट टाइम फिल्म मेकर्स की कैटेगरी में हुआ है। उम्मीद है कि यह फिल्म अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराही जाएगी। शिवराज ने बताया कि बॉलीवुड की ज्यादातर फिल्मों में सिर्फ कॉपी-पेस्ट है, लेकिन वह कुछ नया करना चाहते हैं, इसलिए अपना प्रोडक्टशन हाउस बनाकर दूसरों से अलग काम करने का प्रयास किया है। उनकी दिली इच्छा है कि हरियाणवी सिनेमा को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छी पहचान दिलाऊं।

--फादर्स डे पर बनाई शॉर्ट फिल्म

शिवराज गोयत ने बताया कि उन्होंने कृष्णा सोनी और पम्मी मोटन को लेकर फादर्स डे के लिए शॉर्ट फिल्म बनाई है। इस फिल्म में दिखाया है कि घर में कमाने वाला सदस्य अपने बच्चों, पत्‍‌नी व मा-बाप के लिए रोज कुछ न कुछ लेकर आता है, लेकिन उसके लिए कोई कुछ नहीं लाता। फादर्स डे पर बच्चे अपने पिता की बचपन पसंद की चीज लाते हैं और पिता को गिफ्ट करते हैं। इस सीन में दिखाया है कि हर इंसान में बच्चा छिपा होता है। सिर्फ जिम्मेदारियों के बोझ तले बड़े हो जाते हैं। फादर्स डे पर हमें अपने पिता के लिए कुछ ऐसा करना चाहिए जो उनकी बचपन की इच्छा हो। एक-दो दिन में यह फिल्म पॉकेट फिल्म्स या लार्ज शॉर्ट फिल्मस यू-ट्यूब चैनल पर डल जाएगी।

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