सुरजेवाला के जवाब में दिग्विजय चौटाला, रोमांचक हुआ जींद उपचुनाव

फोटो: 11, 12, 13जेजेपी, कांग्रेस और इनेलो की तरफ से जींद के चुनावी हालात ने पूरे हरियाणा की सियासत में गर्मी बढ़ा दी है। पहली बार जींद विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला पर दांव खेलकर तो चौंकाया तो दूसरे ही दिन बृहस्पतिवार को जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने अपने ही परिवार से दिग्विजय चौटाला को मैदान में उतारकर राजनीतिक पंडितों को हैरत में डाल दिया। अब यह उपचुनाव क्रिकेट मैच की तरह रोमांचक हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jan 2019 12:55 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jan 2019 12:55 AM (IST)
सुरजेवाला के जवाब में दिग्विजय चौटाला, रोमांचक हुआ जींद उपचुनाव
सुरजेवाला के जवाब में दिग्विजय चौटाला, रोमांचक हुआ जींद उपचुनाव

फोटो: 11, 12, 13जेजेपी, कांग्रेस और इनेलो की तरफ से जाट चेहरे, भाजपा का पंजाबी उम्मीदवार

कर्मपाल गिल, जींद

जींद के चुनावी हालात ने पूरे हरियाणा की सियासत में गर्मी बढ़ा दी है। पहली बार जींद विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला पर दांव खेलकर तो चौंकाया तो दूसरे ही दिन बृहस्पतिवार को जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने अपने ही परिवार से दिग्विजय चौटाला को मैदान में उतारकर राजनीतिक पंडितों को हैरत में डाल दिया। अब यह उपचुनाव क्रिकेट मैच की तरह रोमांचक हो गया है। आखिरी गेंद, यानी आखिरी वोट डलने और रिजल्ट आने तक क्या होगा, अब कुछ भी कह पाना मुश्किल हो गया है।

कांग्रेस और जेजेपी की ओर से प्रत्याशी के चयन की घोषणा में जिस तरह देरी हो रही थी, उससे सियासी गलियारों में यही चर्चा थी कि दोनों पार्टियों के पास जिताऊ उम्मीदवार नहीं हैं। कांग्रेस से सुरजेवाला के उतरने के बाद मुकाबला कड़ा होते देखकर सांसद दुष्यंत चौटाला ने वीरवार सुबह दिग्विजय चौटाला को टिकट देने की घोषणा कर दी। इनेलो ने जिला परिषद के उपप्रधान उमेद ¨सह रेढू को मैदान में उतारा है। अब मैदान में जेजेपी, कांग्रेस और इनेलो की तरफ से जाट चेहरे हैं तो भाजपा पहले ही पंजाबी उम्मीदवार कृष्ण मिढ़ा को मैदान उतार चुकी है। कांग्रेस इस चुनाव को मोदी और खट्टर बनाम रणदीप करने की तैयारी में है तो दिग्विजय चौटाला ने जींद की धरती पर चौधर लाने की बात कही है।

जींद का वोट गणित

जींद हलके में करीब 1.70 लाख मतदाता हैं। इनमें करीब 50 हजार जाट हैं। उसके बाद करीब 40 हजार एससी वोट हैं। हालांकि 1972 में चौ. दल ¨सह के बाद जींद से कोई जाट नेता विधायक नहीं बना है। उसके बाद 2005 तक वैश्य समुदाय से मांगेराम गुप्ता और बृजमोहन ¨सगला ही विधायक बनते आए। बीच में एक बार 1987 में लोकदल के बैकवर्ड नेता परमानंद विधायक बने थे। 2009 में पहली बार इनेलो के टिकट पर पंजाबी डॉ. हरिचंद मिढ़ा विधायक बने थे। 2014 में भी उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को हराकर सीट बरकरार रखी। अब भाजपा ने भी मिढ़ा पर ही दांव लगाया है। सांसद राजकुमार सैनी ने ब्राह्माण विनोद आशरी को टिकट दिया है। इनेलो ने निर्दलीय फार्म भरने वाले उमेद को दिया टिकट

इनेलो ने जिला परिषद के उपप्रधान उमेद ¨सह रेढू पर दांव लगाया है। रेढू ने एक दिन पहले बुधवार को ही बतौर निर्दलीय प्रत्याशी पर्चा भरा था। बृहस्पतिवार को रेढू ने इनेलो के जिला प्रधान रामफल कुंडू और विधायक परमेंद्र ढुल की मौजूदगी में दोबारा नामांकन किया। चर्चा रही कि इनेलो ने टेकराम कंडेला, बलजीत रेढू और सुरेंद्र बरवाला सहित कई नेताओं को टिकट का आफर किया था, लेकिन किसी ने भी हां नहीं भरी। अर्जुन चौटाला के चुनाव लड़ने की भी चर्चा थी। कृष्ण मिढ़ा का नामांकन कराने आए बराला और शर्मा

भाजपा प्रत्याशी कृष्ण मिढ़ा के नामांकन कराने के लिए बृहस्पतिवार को प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, मंत्री रामबिलास शर्मा, कृष्णलाल पंवार, कृष्ण कुमार बेदी, नायब ¨सह सैनी सहित भाजपा के कई नेता शामिल हुए। भाजपा कार्यकर्ताओं ने अर्जुन स्टेडियम में इकट्ठे होकर शहर में प्रदर्शन किया। रणदीप के लिए अनमने मन से एक मंच पर आए कांग्रेसी

कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला के नामांकन के बाद पुरानी अनाज मंडी में हुई सभा में मंच पर कांग्रेस के सभी नेता मंच पर दिखाई दिए। हालांकि कुछ विधायकों के चेहरों पर मुस्कुराहट और जोश नहीं था। अनमने मन से ही वे मंच पर मौजूद थे। नामांकन के समय साथ रहे कुलदीप बिश्नोई मंच पर नहीं आए। कुमारी शैलजा ने भी मंच से भाषण नहीं दिया। --दिग्विजय पैदल नामांकन करने पहुंचे

दिग्विजय चौटाला अर्बन एस्टेट स्थित पार्टी कार्यालय से समर्थकों के साथ पैदल नामांकन करने पहुंचे। उनके साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान ¨सह, पार्टी के प्रधान महासचिव डा. केसी बांगड़, सांसद दुष्यंत चौटाला, राजेंद्र लितानी, विधायक अनूप धानक आदि नेता भी थे। इससे पहले दुष्यंत ने उन्हें प्रत्याशी बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि चौ. देवीलाल ने जींद को कर्मभूमि बनाया था। अब हम जींद में चौधर लेकर आएंगे और प्रदेश की सत्ता जींद से चलेगी।

chat bot
आपका साथी