फतेहाबाद में बिजली विभाग में 116 आवेदन लंबित, राइट टू सर्विस के खिलाफ हुए बिजली कर्मचारी

बिजली निगम के अधिकारी ढाणियों में कनेक्शन के आवेदन सबसे अधिक लंबित है। इसको लेकर केंद्रीय कार्यकारिणी के आह्वान पर शहरी और अर्ध शहरी अधीन कर्मचारियों ने शहरी उपमंडल गेट पर सरकार द्वारा जारी राइट टू सर्विस एक्ट आरटीएस के विरोध में मंगलवार को 2 घंटे का रोष प्रदर्शन किया।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 03:15 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 03:15 PM (IST)
फतेहाबाद में बिजली विभाग में 116 आवेदन लंबित, राइट टू सर्विस के खिलाफ हुए बिजली कर्मचारी
फतेहाबाद बिजली निगम में 116 आवेदन लंबित हैं। निगम के अधिकारी कर्मचारियों की कमी बता रहे है।

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : राइट टू सर्विस एक्ट के तहत बिजली निगम में 116 आवेदन लंबित हैं। निगम के अधिकारी कर्मचारियों की कमी बता रहे है। इसको लेकर वे सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। बिजली निगम के अधिकारी ढाणियों में कनेक्शन के आवेदन सबसे अधिक लंबित है। इसको लेकर केंद्रीय कार्यकारिणी के आह्वान पर शहरी और अर्ध शहरी अधीन कर्मचारियों ने शहरी उपमंडल गेट पर सरकार द्वारा जारी राइट टू सर्विस एक्ट आरटीएस के विरोध में मंगलवार को 2 घंटे का रोष प्रदर्शन किया। जिसकी अध्यक्षता सब यूनिट प्रधान सुभाष जाखड़ व संचालन सब यूनिट सचिव देवेंद्र कुमार जाखड़ ने किया।

गेट मीटिंग को मुख्य रूप से यूनिट प्रधान हेड ऑफिस भिवानी एवं जिला प्रधान फकीर चंद सैनी ने संबोधित किया सैनी ने अपने संबोधन में कहा कि बिजली विभाग में सरकार आरटीएस लागू करके कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का कार्य कर रही है हरियाणा सरकार की मंशा है कि कर्मचारी वह जनता आपस में भिड़े ताकि कर्मचारियों को दंडित किया जा सके जिससे कर्मचारी हताश होकर अपनी सर्विस छोड़ने पर मजबूर हो जाए हाल के ताजा आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 71 लाख 56 हजार 786 बिजली उपभोक्ता है जबकि विभाग में कर्मचारी की संख्या मात्र 20 हजार के करीब है।

विभाग को सुचारू रूप से चलाने के लिए कम से कम 1 लाख रेगुलर कर्मचारियों की जरूरत है जिससे विभाग अपना काम भली भांति कर सके आज का बिजली कर्मचारी मानसिक रूप से परेशानी के अंदर विभागीय अधिकारी के दबाव में 3 से 5 कर्मचारियों का काम कर रहा है जिसके फलस्वरूप हर दिन विभाग में हादसों की घटनाएं घट रही बिजली हादसों में हजारों कर्मचारी अपनी जान गवां बैठे हैं सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़कर विभाग में रेगुलर नियमित भर्ती करें जब तक नियमित भर्ती ना हो तब तक समान काम समान वेतन लागू करें मैं विभागों में पिछले दरवाजे से भर्ती बंद करें।

निजी करण ठेकेदारी प्रथा बंद करें एनपीएस तुरंत प्रभाव से बंद करके पुरानी पेंशन नीति बहाल करें उचित संसाधनों का प्रबंध करें जिससे उपभोक्ताओं के कार्य समय पर किया जा सके और आरटीएस को भी अमलीजामा पहनाया जा सके आज के विरोध प्रदर्शन से सरकार ने सीख नहीं ली तो आगामी 19 अक्टूबर को कार्यकारी अभियंता के माध्यम से आरटीएस का पुरजोर विरोध किया जाएगा। गेट मीटिंग में गुरप्रीत सिंह, प्रेम कुमार, जसवंत सिंह, मदन लाल, गोपाल, महेंद्र सिंह, सुभाष चंद्र, जगदीश, सुखचैन, देवी सिंह गुलशन आदि सैकड़ों कर्मचारियों ने भाग लिया।

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