प्रदेशभर में आरटीए की गाड़ियों की रेकी का बड़ा नेटवर्क, वाट्सएप से लोकेशन बताने वाला गिरोह दबोचा

जागरण संवाददाता हिसार प्रदेश में आरटीए (सचिव क्षेत्रिय प्रादेशिक परिवहन विभाग) सहित उनक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 08:01 AM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 08:01 AM (IST)
प्रदेशभर में आरटीए की गाड़ियों की रेकी का बड़ा नेटवर्क, वाट्सएप से लोकेशन बताने वाला गिरोह दबोचा
प्रदेशभर में आरटीए की गाड़ियों की रेकी का बड़ा नेटवर्क, वाट्सएप से लोकेशन बताने वाला गिरोह दबोचा

जागरण संवाददाता, हिसार: प्रदेश में आरटीए (सचिव, क्षेत्रिय प्रादेशिक परिवहन विभाग) सहित उनकी टीमों की लोकेशन वाट्सएप के माध्यम से सर्कुलेट करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। गिरोह के चार सदस्य हिसार से बरवाला पुलिस और एसटीएफ के संयुक्त ऑपरेशन में दबोचे गए। यह लोग अलग-अलग वाट्सएप ग्रुप पर आरटीए की गाड़ियों की लोकेशन बताते थे ताकि ओवरलोडिग या बिना टैक्स भुगतान करने वाले ट्रक चालकों को रास्ता साफ मिले। इस तरह से सरकारी राजस्व को गोपनीय तरीके से हानि पहुंचाई जा रही थी। आरटीए जब चेकिग पर निकलते तो कई बार उन्हें ऐसे वाहन ही नहीं मिलते। जिन चार लोगों को पकड़ा गया है, उनमें दो लोग राजस्थान के झुंपा निवासी अरबिद और विकास उर्फ मोनू हैं तो दो आरोपित हिसार के मॉडल टाउन निवासी अजय व 12 क्वार्टर निवासी नवीन हैं। आरोपितों को पकड़ने के लिए एसएचओ बरवाला प्रह्लाद राय और एसटीएफ इंचार्ज इंस्पेक्टर पवन कुमार की टीमें पिछले कुछ दिनों से लगी हुईं थी।

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ऐसे चलता था आरटीए की गाड़ियों की रेकी का नेटवर्क

सबसे पहले बार्डर पर मौजूद होटल संचालक ट्रक चालकों से बात कर उन्हें आरटीए की टीम की लोकेशन पहुंचाने के लिए डील करते हैं। जब डील हो जाती है, तब वह अलग-अलग रूटों पर लोगों को हायर करते हैं। यह लोग आरटीए कार्यालय से लेकर सभी रूटों पर मौजूद रहते हैं। उन्हें होटल संचालक की तरफ से एक-एक बाइक, पेट्रोल और 15 से 20 हजार रुपये मुहैया कराए जाते हैं। यह लोग गाड़ियों की नंबर, रूट के साथ वाट्सएप पर बोलकर लोकेशन होटल संचालक द्वारा बनाए गए वाट्सएप ग्रुप में भेजते रहते हैं। इस ग्रुप में उन सभी ट्रक वालों को जोड़ा जाता है जो लोकेशन के लिए होटल संचालक को भुगतान करते हैं। यह लोग यह भी बताते हैं कि कहां गाड़ी रोकें और कहां चलाएं। जो आरोपित पकड़े गए हैं उनके पास भी ट्रक हैं। ऐसे में समझ सकते हैं कि यह खेल कितना बड़ा है।

साइबर और मुखबिरी के आधार पर पकड़े आरोपित

कुछ दिन पहले बरवाला में ही आरटीए की टीम ने एक व्यक्ति को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। यह व्यक्ति आरटीए की गाड़ी का पीछा कर रहा था। इसके साथ ही उच्चाधिकारियों के निर्देश मिले तो इसमें बरवाला पुलिस और एसटीएफ अपने-अपने तरीकों से खोजबीन करने में जुट गर्इं। मुखबिरों और साइबर की मदद लेकर इन्हें ट्रेस कर धर दबोचा गया। हालांकि इस गिरोह में शामिल अन्य लोग भी अभी पकड़े जाने बाकी हैं।

ट्रांसपोटरों से भी जुड़ा हो सकता है नेटवर्क

अभी पुलिस की पूछताछ जारी है। जो आरोपित पकड़े गए हैं, उनके वाट्सएप ग्रुपों की जांच की जा रही है। इनके ग्रुपों के नाम भी ट्रांसपोर्ट कंपनियों के नाम पर हैं। ऐसे में शक है कि ट्रांसपोर्टर भी इस नेक्सस जुड़े हों। यह मामला छोटा नहीं है बल्कि प्रदेशभर में कई आरटीए और उनकी टीमों की इसी प्रकार से रेकी की जा रही है।

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पढि़ए.वह ऑडियो जो यह खबरी चालकों को भेजते थे

खबरी ऑडियो में कहता हुआ

कार्यालय से चल रही है भाई 0048, 0337..

एक मिनट में कोठी के ऊपर आ जाएगी..

थाने के आगे आली भाई गाड़ी 0048..

भाई मिल गेट का इंडीगेटर गाड़ी ने दिया है..

मेला ग्राउंड के गेट पर आ गई, भाई सीधी मिल गेट चढ़ेगी..

हिसार लोकल को छोड़कर जी, हांसी बरवाला चलने दो.. बाकि रोक के रखो जी रोक के ..

बवानी खेड़ा की तरफ जाली भाई ..

नोट- विभिन्न ऑडियो के यह अंश भर हैं

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