अमृत को तरस रहा शहर-ए-फिरोजा

- नगर निगम और जनस्वास्थ्य विभाग में अटके करोड़ों के प्रोजेक्ट जागरण संवाददाता, हिसार : सरकार ने

By Edited By: Publish:Mon, 29 Aug 2016 01:01 AM (IST) Updated:Mon, 29 Aug 2016 01:01 AM (IST)
अमृत को तरस रहा शहर-ए-फिरोजा

- नगर निगम और जनस्वास्थ्य विभाग में अटके करोड़ों के प्रोजेक्ट

जागरण संवाददाता, हिसार :

सरकार ने अटल मिशन रेजुवेशन अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) योजना के तहत शहरों में मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने और मजबूत ढांचा उपलब्ध करवाने का भरोसा दिलाया था। विडंबना यह कि पिछले दो साल से अमृत योजना के तहत शहरी विकास के लिए फंड मुहैया नहीं करवाया गया है। इसके कारण शहरी विकास के लिए अहम योजनाएं अटकी हुई हैं। हिसार शहर की बात करें तो नगर निगम और जनस्वास्थ्य विभाग ने मूलभूत एवं आधारभूत ढांचा सुदृढ़ करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण योजनाएं तैयार करके अनुमानित लागत के साथ फाइल सरकार को भेजी हुई है। पिछले साल भी फंड नहीं मिला और इस बार भी दो माह बीतने वाले हैं, किसी भी योजना के लिए राशि जारी नहीं हुई है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अमृत को तरस रहा है शहर-ए-फिरोजा।

नगर निगम : साढ़े चार सौ करोड़ के प्रोजेक्ट

नगर निगम ने शहर वासियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए पार्किंग, परिवहन, पार्क और सड़कों के चौड़ीकरण के प्रोजेक्ट तैयार किए थे। उक्त कार्यो को सिरे चढ़ाने के लिए करीब साढ़े चार सौ करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा हुआ है। निगम का उद्देश्य सभी पार्को का सौंदर्यीकरण, शहर थाना व धोबी घाट में मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण, शहर में सिटी बस सर्विस शुरू करवाने व सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने हेतु इंटर लॉकिंग टाइल लगवाना है। इन योजनाओं को आधार मिलने से शहर की काफी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

जनस्वास्थ्य विभाग : तीन सौ करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट

जनस्वास्थ्य विभाग ने शहर में पानी व सीवर की नई लाइन बिछाने, बरसाती नाला, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनवाने संबंधित प्रोजेक्ट तैयार किए। इनके निर्माण पर करीब तीन सौ करोड़ की लागत आएगी। शहर की सीवरेज व्यवस्था सुधरेगी और प्रत्येक शहर वासी को पेयजल नसीब होगा। शहर के कई ऐसे इलाके हैं, जहां ना तो सीवर की सुविधा है और ना पानी की लाइन बिछी है। उन इलाकों के लोगों को राहत तभी मिलेगी, जब अमृत योजना के तहत धनवर्षा होगी।

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यह भी जानना जरूरी है

-पहला चरण : सबसे पहले बहुत जरूरी प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाया जाएगा।

-दूसरा चरण: इसके एक-दो साल तक देरी से सिरे चढ़ाने वाले प्रोजेक्ट का नंबर आएगा।

- तीसरे चरण : इसमें पांच से दस साल के बीच सिरे चढ़ने वाले प्रोजेक्ट आरयूबी, आरओबी शामिल हैं।

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केंद्र सरकार ने फंड उपलब्ध करवाना होता है। पता चला है कि राज्य सरकार को फंड मिला चुका है, जिसका बंटवारा होना बाकी है। दो माह पहले प्रोजेक्ट व एस्टीमेट तैयार कर फाइल भेजी थी। उम्मीद है जल्द फंड मिल जाएगा।

- जगदीश कुमार, एमई नगर निगम।

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