कोरोना को हराना है: गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज संक्रमित होने पर तुरंत अस्पताल पहुंचें: सिविल सर्जन

कोरोना संक्रमित मरीजों और मरने वालों की संख्या में इजाफा होने से जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी चितित हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Nov 2020 04:53 PM (IST) Updated:Sat, 07 Nov 2020 04:53 PM (IST)
कोरोना को हराना है: गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज संक्रमित होने पर तुरंत अस्पताल पहुंचें: सिविल सर्जन
कोरोना को हराना है: गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज संक्रमित होने पर तुरंत अस्पताल पहुंचें: सिविल सर्जन

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : कोरोना संक्रमित मरीजों और मरने वालों की संख्या में इजाफा होने से जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी चितित हैं। सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव की ओर से शनिवार को एडवाइजरी जारी की गई, जिसमें सलाह दी गई कि यदि कोई व्यक्ति किडनी, हार्ट, शुगर व अन्य बीमारी से पहले से ग्रस्त है और वह कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया है तो वह घर पर इलाज कराने के बजाय कोविड अस्पताल में इलाज कराए। होम आइसोलेशन में इलाज लेना ऐसे मरीज के लिए ठीक नहीं है। मरीज को 24 घंटे डाक्टर की देखरेख में रहना जरूरी है। सिविल सर्जन ने कहा स्वास्थ्य विभाग के पास कोविड अस्पतालों में ऐसे मरीज को इलाज देने की सुविधा है।

बता दें कि जिला में 20 अक्टूबर से छह नवंबर तक कोरोना संक्रमण के कारण 33 लोगों की मौत हो चुकी है। एक से छह नवंबर तक 12 कोरोना मरीजों की मौत हुई। जिसमें दो मरीज घर पर ही इलाज ले रहे थे। हालांकि सभी मरीज पहले दूसरी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। बाद में कोरोना की चपेट में आने से मौत हुई। सिविल सर्जन के मुताबिक कोरोना काल में अब तक 224 मरीजों की मौत हुई है। गुरुग्राम के 42 छोटे-बड़े निजी अस्पतालों में 1975 बेड और 260 आइसीयू बेड और 122 वेंटिलेटर की सुविधा कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए उपलब्ध कराई गई है। निजी अस्पताल में बेड मरीजों से लगभग भरे हुए हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग की देख-रेख में इएसआइ अस्पताल में 11 मरीज भर्ती हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि झज्जर जिले के गांव बढ़ासा स्थित एम्स में 1200 बेड उपलब्ध हैं और आइसीयू में 21 बेड व 11 वेंटिलेटर है। जिनमें आधे से अधिक बेड खाली है।

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