धौलीदार की जमीन वापस नहीं मिलने से ब्राह्मण समाज में रोष

फरुखनगर के मिनी बाईपास के पास स्थित छतरी में ब्राह्मण समाज की रविवार को बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता पंडित तोता राम ने की और संयोजन राजबीर शर्मा सैदपुर व कृष्ण पंडित पातली ने की।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Feb 2020 06:41 PM (IST) Updated:Sun, 23 Feb 2020 06:41 PM (IST)
धौलीदार की जमीन वापस नहीं मिलने से ब्राह्मण समाज में रोष
धौलीदार की जमीन वापस नहीं मिलने से ब्राह्मण समाज में रोष

संवाद सहयोगी, फरुखनगर: फरुखनगर के मिनी बाईपास के पास स्थित छतरी में ब्राह्मण समाज की रविवार को बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता पंडित तोता राम ने की और संयोजन राजबीर शर्मा सैदपुर व कृष्ण पंडित पातली ने किया। इस दौरान आगामी बैठक के लिए एक कमेटी का गठन किया गया, जिसमें कमेटी के प्रत्येक सदस्य की ड्यूटी लगाई गई जो कि अपने-अपने क्षेत्र से ब्राह्मण समाज के लोगों को एकत्रित कर बैठक में शामिल करेंगे।

बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार द्वारा धौलीदार को दी गई जमीन उन्हें वापस नहीं देने के फैसले पर 15 मार्च रविवार को ब्राह्मण समाज के लोग वजीरपुर मोड़ स्थित नीमराणा प्लेस पर एकजुट होंगे तथा आगामी संघर्ष की रणनीति बनाने का फैसला करेंगे। प्रदेश सरकार द्वारा धौलीदार को दी गई जमीन उन्हें वापस नहीं मिलने के फैसले को काला कानून करार दिया और अधिकांश वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ब्राह्मणों को दान में दी गई जमीन का मालिकाना हक वापस लेकर उन्हें प्रताड़ित व परेशान करने का षड्यंत्र है। सरकार को इस काले कानून को वापस लेना होगा।

बैठक में सरपंच इंद्रजीत शर्मा सैदपुर, सहदेव भारद्वाज, रवि सरपंच गढ़ी हरसरू, बेनी प्रसाद गौड़ एडवोकेट, रामचंद्रभारद्वाज, रमेश सरपंच खंडेवला, श्रद्धानंद प्रधान जनौला, विजय कौशिक शिकोहपुर, कुलदीप वशिष्ठ, सुरेंद्र गौड़ सुल्तानपुर, गुलशन शर्मा हेलीमंडी, बने शर्मा बादशाहपुर, मुकेश कौशिक, सुरेश शर्मा कप्तान, कौशिक चंद्रपुरी सोहना, योगेश कौशिक गुरुग्राम, सोनस शर्मा जामलपुर, नरेश शर्मा, जेपी शर्मा खेड़ा मौजूद रहे। बता दें कि हरियाणा सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारीकर अधिकारियों को कहा गया कि ब्राह्मणों को दी गई धौलीदार की जमीन अब उन्हें नहीं मिल सकेगी जबकि कांग्रेस सरकार द्वारा वर्ष 2011 में ब्राह्मणों को धौलीदार को जमीन दी गई थी।

इस जमीन को लेकर पिछले साल राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव ने एक पत्र जारी कर कहा था कि यह जमीन क्षेत्र में निगम एवं पालिकाओं को दी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में पंचायतों को धौलीदार की जमीन वापिस होगी। वक्ताओं ने कहा कि यह पत्र सरकार ने विधानसभा व लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दबाया हुआ था। लेकिन अब यह पत्र सार्वजनिक होने से समाज के लोगों में रोष पनपने लगा है।

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