क्राइम फाइल: आदित्य राज

प्रदेश में गब्बर के नाम मशहूर हो चुके गृह मंत्री अनिल विज को लोगों ने अधिकतर गुस्से में ही देखा है। उनके अंदाज से भी हर पल यही प्रतीत होता है कि वह गुस्से में हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Jan 2020 07:31 PM (IST) Updated:Mon, 20 Jan 2020 07:31 PM (IST)
क्राइम फाइल: आदित्य राज
क्राइम फाइल: आदित्य राज

फोटो 20 जीयूआर 2 एवं 2ए खिलखिलाता रहा गब्बर का चेहरा

प्रदेश में गब्बर के नाम मशहूर हो चुके गृह मंत्री अनिल विज को लोगों ने ज्यादातर गुस्से में ही देखा है। उनके अंदाज से भी हर पल यही लगता है कि वह गुस्से में हैं। खासकर अधिकारियों के साथ बैठक में या फिर किसी कार्यक्रम में जहां आसपास अधिकारी बैठे हों, वहां पूरे रौब में दिखाई देते हैं। ऐसे में अगर उनका खिलखिलाता हुआ चेहरा किसी अधिकारी के साथ दिख जाए तो चर्चा होना लाजिमी है। एक सप्ताह पहले वह भोंडसी में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में पहुंचे थे। उनके बगल में पुलिस आयुक्त मोहम्मद अकील बैठे थे। दोनों पूरे समय एक-दूसरे से गुफ्तगू करते रहे। इस दौरान कई बार अनिल विज खिलखिला उठे। दरअसल, अनिल विज उन लोगों के साथ खिलखिला उठते हैं जिन्हें वह दिल से चाहते हैं। मोहम्मद अकील के काम से वह प्रभावित हैं। इस वजह से वह उनके साथ पूरे कार्यक्रम के दौरान गुफ्तगू करते रहे। दाढ़ी वाले मुखिया जी ने किया गेट बंद

प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के विभागों से संबंधित कई अधिकारी व कर्मचारी काफी परेशान हैं। दरअसल, गुरुग्राम में वषरें से कुंडली मारकर बैठे ये अधिकारी व कर्मचारी हर हाल में यहीं रहना चाहते हैं। उनकी अनिल विज से मिलने की हिम्मत नहीं। ऐसे में इन अधिकारियों व कर्मचारियों ने देखा कि करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजपाल सिंह अम्मू के रास्ते मंत्री तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसके बाद क्या था सभी ने लाइन लगानी शुरू कर दी। अम्मू ने हाथ जोड़कर कहा कि भाई मंत्री जी को सिफारिश पसंद नहीं। जिसके बारे में पता चल जाए कि सिफारिशी है, उसे टाग देंगे। अच्छा है जहा जिम्मेदारी दी जाती है, वहा ईमानदारी से काम करो। इसके बाद भी जब अधिकारी व कर्मचारी नहीं माने तो उन्होंने अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए पूरी तरह गेट बंद कर दिया। इससे गुरुग्राम में कुंडली मारकर बैठे कई अधिकारी व कर्मचारी परेशान हैं।

मुस्कान देख सामने वाले का गुस्सा गायब

गुरुग्राम पुलिस में तैनात सहायक पुलिस आयुक्त बिरम सिंह की मुस्कान से ही कई मामले हल हो जाते हैं। जो लोग गुस्से में उनके पास शिकायत लेकर पहुंचते हैं उनमें से अधिकतर उनके चेहरे पर मुस्कान देखकर ही शांत हो जाते हैं यानी 50 फीसद मामला चेहरा देखने के साथ ही ठीक हो जाता है। इसके बाद वह पानी पीने को कहते हैं। इससे 10-20 फीसद और मामले ठीक हो जाते हैं। फिर समझाने का दौर चलता है। इस दौरान सामने वाले के चेहरे पर भले ही गुस्सा आ जाए लेकिन बिरम सिंह के चेहरे पर वही मुस्कान रहती है। फिर थोड़ा आध्यात्मिक अंदाज में आते हुए कहते हैं कि लड़ाई-झगड़े में कुछ नहीं रखा। सबसे मिलजुलकर चलो, किसी के खिलाफ गलत न बोलो। यदि किसी ने गलत कर दिया है तो प्यार से उससे बातें करो। सामने वाला अपने आप ही झुक जाएगा। फिर दोनों की दोस्ती अटूट हो जाएगी। मुखिया-गब्बर के घनचक्कर से लंबा हुआ इंतजार

प्रदेश के मुखिया और गब्बर के बीच टशन से खाकी वालों के तबादले का इंतजार लंबा होता जा रहा है। पिछले 15 दिन से सभी सुबह से लेकर रात में सोने तक न जाने कितनी बार लिस्ट देखने को वाट्सएप चेक करते हैं। सुबह ऑफिस पहुंचते ही कई इसी बात को लेकर चर्चा शुरू करते हैं। शाम में ऑफिस से निकलने के दौरान भी चर्चा का यही मुद्दा होता है। कहीं कार्यक्रम में पहुंचने पर जब अधिकारी से पूछा जाता है कि आप कहां हैं, जवाब होता है पता नहीं कल कहां होंगे। कभी भी लिस्ट आ सकती है। ऐसा कहते-कहते 15 दिन से अधिक हो चुके हैं। चर्चा है कि कुछ समय पहले चुनाव के दौरान गुरुग्राम से चलता किए गए कई अधिकारी आने के लिए जुगाड़ बैठा रहे हैं लेकिन गब्बर के सामने जुगाड़ फेल हो रहा है। गब्बर ने जुगाड़ वाले अधिकारियों की लिस्ट बना रखी है।

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