जान है तो जहान है: सावधानी बरतें तो बच सकते हैं कोहरे के कोहराम से

सड़के हमें मंजिल तक पहुंचाती हैं, मगर सर्दी में वाहन चला कोहरे की चादर को फाड़ते हुए मंजिल पर पहुंचना वाहन चालक के लिए बड़ी चुनौती होती है। देखा जाए तो कोहरे के चलते सड़क हादसों में हर साल कई लोग मौत की आगोश में चले जाते हैं, हां अगर चालक सावधानी बरतते तो जीवन पर आंच नहीं आती। सड़क सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञ मानते है

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Nov 2018 06:32 PM (IST) Updated:Sun, 11 Nov 2018 06:32 PM (IST)
जान है तो जहान है: सावधानी बरतें तो बच सकते हैं कोहरे के कोहराम से
जान है तो जहान है: सावधानी बरतें तो बच सकते हैं कोहरे के कोहराम से

सत्येंद्र ¨सह, गुरुग्राम

सड़कें हमें मंजिल तक पहुंचाती हैं, मगर सर्दी में वाहन चला कर कोहरे की चादर को पार करते हुए मंजिल पर पहुंचना वाहन चालक के लिए बड़ी चुनौती बन जाता है। देखा जाए तो कोहरे के चलते सड़क हादसों में हर साल कई लोग मौत के शिकार हो जाते हैं, हां अगर चालक सावधानी बरते तो जीवन पर आंच नहीं आती। सड़क सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञ मानते है कि कोहरे में सड़क दुर्घटना की संभावना और बढ़ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि लोग कोहरे में सड़क पर चलें तो पूरी सावधानी बरतें।

ट्रैफिक नियमों का पालन करने के साथ ही रफ्तार पर भी नियंत्रण रखें। जरा सी सावधानी बरतकर दूसरों की जान के साथ खुद को भी सुरक्षित रख सकते हैं। सड़क पर यमराज बनकर दौड़ते मालवाहक वाहन फिटनेस के मामले में अक्सर फिसड्डी रहते हैं। प्राय: व्यावसायिक वाहनों में कोहरे का मौसम आने के बावजूद बैक लाइट, फॉग लाइट ढूंढे से भी नहीं मिलते, जबकि, सुरक्षा में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विभाग से इनका फिटनेस कैसे पास हो जाता है, कोई नहीं जानता। लापरवाही बरतने के मामले में निजी वाहन मालिक एवं चालक भी पीछे नहीं है। यहां भी जरूरत है समय और मौसम को देखते हुए सावधान रहने की, ताकि किसी भी सूरत में चूक नहीं होने पाए।

कोहरे में अधिकांश वाहन चालक आगे जा रही गाड़ी की टेललाइट ही देखकर चलते हैं। कोहरे में सड़क पर सावधानीपूर्वक सामने देखते हुए चलें तथा गाड़ी चलाते समय खाना-पीना, सिगरेट या तेज आवाज में संगीत ना सुनें। यदि कोहरा ज्यादा घना दिखाई पड़ रहा हो तो सुरक्षित स्थान पर गाड़ी रोककर उसे छंटने दें और उसके बाद ही आगे बढ़ें। इस दौरान दुर्घटना से बचने के लिए गाड़ी से बाहर निकलकर किनारे खड़े हों जाएं। कैसे दुर्घटना से बचें :

- वाहनों में फॉग लाइट लगाएं।

- घने कोहरे की स्थिति में सड़क पर दायीं तरफ पेंटेड रोड मार्क व डिवाइडर के आधार पर आगे बढ़ें।

- गाड़ी कभी बीच सड़क पर खड़ी ना करें।

- वाहन को ओवरलोड कर न चलाएं।

- वाहन की रफ्तार अधिक तेज न रखें।

- सड़कों पर दिशासूचक का पालन करें।

- गाड़ी चलाते समय वाहन चालक बात न करें।

- क्षमता से ज्यादा समय तक वाहन न चलाएं।

- सीट बेल्ट का प्रयोग करें।

- उचित प्रशिक्षण के बाद ही वाहन चलाएं।

- नशा कर वाहन न चलाएं।

- वाहन चलाते समय धूमपान न करें।

- वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करें।

- ओवरटेक करते वक्त जल्दबाजी न करें।

- ट्रैफिक नियमों का पालन करें।

कोहरे में कैसे बचें और बचाएं

- कोहरे के दौरान वाहनों की हेड लाइट हमेशा लो बीम मोड में रखें। इससे घने कोहरे में भी सामने का आवागमन साफ दिखाई देगा।

- कोहरे के दौरान हमेशा स्कूलों की बसों की गति पर प्रधानाचार्य ध्यान दें, कभी भी स्कूली वाहन की गति एक औसत से ज्यादा न हो।

- सड़क के किनारे लाल पट्टी या फिर बीच में बने सफेद पट्टी को ध्यान में रखें। पैदल जाने वाले स्कूली बच्चों के लिए भी यह जरूरी है।

- वाहन को चलते समय अचानक रोकने पर चालक को ध्यान रखना चाहिए।

- कोहरे के दौरान इंडिकेटर लाइट जलाना बहुत जरूरी है। इससे पीछे से आने वाले वाहनों को आगे का वाहन चमकता रहेगा।

- आंखों के साथ-साथ चालक को अपने कान भी खुले रखना जरूरी है। क्या हैं हादसों का मुख्य कारण:

- जल्दबाजी में ओवरटेक करना।

- नशा करके वाहन चलाना।

- तेज गति से वाहन दौड़ाना।

- चालक का ध्यान भटकना ।

- वाहन का ओवरलोड होना।

- चालक का सीट बेल्ट न लगाना।

- बिना प्रशिक्षण के गाड़ी चलाना।

- वाहन की ठीक देखरेख न होना।

- सड़कों पर लगे होर्डिंग।

- मोबाइल फोन का प्रयोग करना।

- चालक का धूमपान करना।

- लंबे समय तक वाहन चलाना।

- वाहन चालक का नींद में होना।

- चालक का सवारियों से बात करना।

- सड़कों पर दिशा सूचकों का अभाव। बचाव उपकरण उनके रेट

फॉग लैंप - पंद्रह सौ से तीन हजार

बीम लाइट -दो हजार से आठ हजार तक

रेडियम स्टिकर्स- डेढ़ सौ से पंद्रह सौ तक एक पैकेट

इसमें कोई दो राय नहीं कि कोहरे के चलते सड़क हादसे अधिक होते हैं। सावधानी से ही हादसों से बचा जा सकता है। ²श्यता शून्य होने पर चालक को वाहन किनारे खड़ा कर पार्किंग लाइट ऑन कर देनी चाहिए। ट्रैफिक पुलिस इसके लिए लोगों को जागरूक भी कर रही है।

-सुलोचना गजराज डीसीपी (ट्रैफिक)

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