हरियाणा से हजारों किलोमीटर दूर रॉकी को लंदन में मिला सहारा, लाला के साथ बिता रही समय

गत वर्ष ट्रेन की चपेट में आकर घायल होने वाली बेसहारा कुतिया (स्ट्रीट डाॅग) रॉकी लंदन पहुंच गई है। उसे लंदन में रहने वाली लाला नामक युवती ने गोद (अडाप्ट) लिया है। रॉकी लंदन के लिए 18 नवंबर को रवाना हुई थी।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 20 Nov 2020 12:38 PM (IST) Updated:Fri, 20 Nov 2020 12:38 PM (IST)
हरियाणा से हजारों किलोमीटर दूर रॉकी को लंदन में मिला सहारा, लाला के साथ बिता रही समय
लंदन पहुंची रॉकी लाला के साथ मौज मस्ती करती हुई।

फरीदाबाद [सुशील भाटिया]। गत वर्ष ट्रेन की चपेट में आकर घायल होने वाली बेसहारा कुतिया (स्ट्रीट डाॅग) रॉकी लंदन पहुंच गई है। उसे लंदन में रहने वाली लाला नामक युवती ने गोद (अडाप्ट) लिया है। रॉकी लंदन के लिए 18 नवंबर को रवाना हुई थी। अब शहर में बेसहारा पशुओं की देखभाल के लिए संचालित पीपल फार एनीएम ट्रस्ट के रवि दुबे की ओर से सूचना आई है कि रॉकी सुरक्षित रूप से लंदन पहुंच चुकी है और यहां पर लोगों के साथ घुल-मिल गई है।

सिपाही चंदरपाल की अहम भूमिका

बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन के पास 18 अक्टूबर-2019 को एक ट्रेन की चपेट में आने से राकी बुरी तरह घायल हो गई थी। तब पुलिस के जवान सिपाही चंदरपाल ने राकी को पीपल फॉर एनीमल ट्रस्ट फरीदाबाद के अध्यक्ष रवि दुबे के पास पहुंचाया था। ट्रेन के पहियों के नीचे आने की वजह से आगे के दोनों पैर बिल्कुल खराब हो गए और खून अधिक बह जाने की वजह से उसे बचाना बहुत मुश्किल हो रहा था, लेकिन डॉक्टरों ने उसके आगे दोनों पैर काटकर नया जीवन दिया था। बाद में इस स्ट्रीट डॉग को राकी नाम दिया गया। रवि दुबे ने जनवरी में रॉकी की डाक्यूमेंट्री बनाकर वाइल्ड ऐट हार्ट फाउंडेशन यूनाइटेड किंगडम के साथ साझा की। रॉकी की डाक्यूमेंट्री देखकर लंदन में रहने वाली लाला ने गोद लेने की इच्छा जाहिर की थी। किसी भी जानवर को विदेश भेजने से पूर्व रेबीज की जांच कराई जाती है और यह टेस्ट करीब 29 हजार रुपये में विदेश में ही होता है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद किसी भी जीव को विदेश भेजा जाता है। रॉकी की रैबीज रिपोर्ट ठीक आने के बाद 18 नवंबर को लंदन जाने के लिए हवाई जहाज में बैठी थी।

विदाई पार्टी भी हुई थी रॉकी की

फरीदाबाद में उसकी विदाई से पूर्व पुलिस उपायुक्त डॉ.अंशु सिंगला ने अपने निवास पर एक विदाई पार्टी भी दी थी। इस पार्टी में सिपाही चंदरपाल को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया था।

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