जीवन का असली आनंद समाज के लिए जीने में : मुनिराज
श्री राधा सर्वेश्वर मंदिर के संस्थापक मुनि जी महाराज ने कहा है कि जीवन का असली आनंद समाज के लिए जीने में है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : श्री राधा सर्वेश्वर मंदिर के संस्थापक मुनि जी महाराज ने कहा है कि प्रभु श्री राम चंद्र ने माता-पिता की सेवा को प्राथमिकता दी। उनकी आज्ञा को मान कर यही संदेश दिया कि हम सबको माता-पिता की आज्ञा का पालन करना चाहिए। राम जी ने आदर्श स्थापित किया। अगर हम राम के भक्त हैं, तो हमें भी माता-पिता की सेवा करनी चाहिए। मुनि जी ने हैरानी जताई कि आज समाज में बहुत से लोग स्वार्थ के चलते अपने आदर्शों को भूल बैठे हैं। असल आनंद तो समाज के लिए जीने में है, स्वार्थ के लिए नहीं। हम सबसे पहले अपने जीवन को सुधारें, फिर औरों को। श्रीरामचरितमानस हमें बताता है कि हमें कैसा जीवन जीना चाहिए। हमारा जीवन अगर अच्छा होगा, तो हम औरों के लिए मिसाल बनेंगे। भगवान श्रीराम के चरित्र को देख कर अगर हम विचार करें, तो यही संदेश मिलता है कि मर्यादित जीवन ही उदाहरण बनता है। रामायण में कई ऐसे प्रसंग हैं, जिनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। राम जी वन गमन के समय मतंग ऋषि के आश्रम पहुंचे और वहां भीलनी शबरी के जूठे बेरों पर रीझ जाते हैं। राम जी कहते हैं कि तुम्हारा मेरा भक्ति का नाता है। वह शबरी के माध्यम से हमें भक्ति भाव का महत्व बताते हैं।