धरना कमेटी ने विरोध जारी रखने का लिया फैसला, मुआवजा नहीं लेने के निर्णय पर अडिग

नेशनल हाईवे 152 डी के लिए अधिग्रहण होने वाली भूमि की मुआ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Jan 2020 11:19 PM (IST) Updated:Sun, 19 Jan 2020 06:13 AM (IST)
धरना कमेटी ने विरोध जारी रखने का लिया फैसला, मुआवजा नहीं लेने के निर्णय पर अडिग
धरना कमेटी ने विरोध जारी रखने का लिया फैसला, मुआवजा नहीं लेने के निर्णय पर अडिग

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : नेशनल हाईवे 152 डी के लिए अधिग्रहण होने वाली भूमि की मुआवजा राशि का मामला बीते 11 माह से चला आ रहा है। अधिग्रहित जमीन के बदले मिलने वाली मुआवजा राशि से नाखुश किसान इसके विरोध गांव रामनगर के समीप धरना दे रहे हैं जो शनिवार को भी जारी रहा। कुछ किसानों ने मुआवजा लेने का मन बनाया हैं और वो मुआवजा लेने भी लगे हैं। जिसके तहत करीब तीन दर्जन किसानों को पौने चार करोड़ की मुआवजा राशि प्राप्त भी कर चुके हैं। वहीं धरना कमेटी द्वारा मुआवजा राशि का विरोध लगातार बरकरार है और उन्होंने उचित मुआवजा राशि निर्धारित नहीं किए जाने तक वर्तमान राशि प्राप्त नहीं करने और धरना जारी रखने की बात कही है।

उल्लेखनीय है कि गंगहेड़ी से नारनौल तक जाने वाले नेशनल हाईवे 152 डी के लिए दादरी जिले के 17 गांवों के हजारों किसानों की करीब 760 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है। लेकिन प्रभावित किसान मुआवजा राशि को कम बताकर उसमें वृद्धि की मांग को लेकर बीते 26 फरवरी से गांव रामनगर के समीप धरना दे रहे हैं। धरना कमेटी ने किसानों के साथ मिलकर निर्णय लिया था कि जब तक उनकी जमीन की उचित मुआवजा राशि निर्धारित नहीं की जाएगी वे अपने कागजात जमा करवाकर मुआवजा राशि प्राप्त नहीं करेंगे। जिसके चलते करीब 11 माह तक किसानों द्वारा मुआवजा राशि प्राप्त नहीं की गई और वे उसके वृद्धि की मांग को लेकर लगातार आंदोलन करते रहे। लेकिन हाल ही में आर्बीट्रेटर द्वारा नई राशि निर्धारित किए जाने के बाद कुछ किसान मुआवजा प्राप्त करने के लिए आगे आने लगे हैं। लेकिन धरना कमेटी अभी भी अपने पूर्व निर्णय पर अडिग हैं और मुआवजा नहीं लेने की बात कही है। इस अवसर पर धरना अध्यक्ष अनूप सिंह, विनोद मौड़ी, महावीर सिंह, रामनिवास, रातौतार, सोनू इत्यादि उपस्थित रहे। किया जा रहा गुमराह: विनोद

रामनगर धरना संयोजक विनोद मौड़ी ने कहा कि प्रशासन द्वारा किसानों को बढ़ी हुई मुआवजा राशि के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आर्बीट्रेटर द्वारा जो राशि निर्धारित की गई थी उसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। जिसके चलते उनका मुआवजा नहीं लेने का निर्णय बरकरार है। उन्होंने कहा कि जब तक प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकर कोई बात नहीं हो जाती है और उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल जाता हैं वे अपने निर्णय पर अडिग रहेंगे। उन्होंने कहा कि जमीन अधिग्रहण से प्रभावित हजारों किसान हैं।

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