बाजरे की फसल को पानी की दरकार, किसानों को अब वर्षा का है बेसब्री से इंतजार

जिले के कुछ क्षेत्र में करीब तीन सप्ताह पहले हुई बारिश क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Jun 2020 06:24 PM (IST) Updated:Wed, 24 Jun 2020 06:24 PM (IST)
बाजरे की फसल को पानी की दरकार, किसानों को अब वर्षा का है बेसब्री से इंतजार
बाजरे की फसल को पानी की दरकार, किसानों को अब वर्षा का है बेसब्री से इंतजार

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :

जिले के कुछ क्षेत्र में करीब तीन सप्ताह पहले हुई बारिश के बाद काफी संख्या में किसानों द्वारा बाजरे की अगेती बीजाई की गई थी। जिसके बाद बाजरे का अंकुरण तो अच्छी प्रकार से हुआ लेकिन तेज धूप के चलते बाजरे की फसल मुरझाने लगी है और उसमें पानी की दरकार है। वहीं किसानों को बारिश का इंतजार करना पड़ रहा है।

खरीफ सीजन में किसानों द्वारा की जाने वाली बाजरे की खेती सामान्यत: वर्षा आधारित होती है। किसान बाजरे की बिजाई से लेकर सिचाई तक वर्षा के अलावा दूसरे विकल्पों का उपयोग ना के बराबर करते हैं। इस बार जिले के चिड़िया, टिकान कलां, कपूरी, आदमपुर, झोझू इत्यादि क्षेत्रों में 29 मई व 4 जून को हुई बारिश के बाद काफी किसानों द्वारा बाजरे की बीजाई की गई थी। जिसके बाद अंकुरण से लेकर एक चार-पांच दिन पहले तक फसल अच्छी खड़ी थी। लेकिन तेज गर्मी के चलते अब फसल में पानी की आवश्यकता है जिसके चलते फसल मुरझाने लगी है।

मौसम विभाग द्वारा इसी सप्ताह बारिश होने की संभावना तो जताई गई है। लेकिन अभी तक बारिश न होने के कारण बाजरे के पौधे जलने लगे हैं जिससे किसानों की चिताएं भी बढ़ने लगी है। किसान राजकुमार, जयवीर, बिजेंद्र, माल्हाराम, राजेश, विजयपाल इत्यादि ने कहा कि उनके खेतों में अगेती फसल अच्छी खड़ी थी लेकिन बारिश न होने के कारण अब फसल में नुकसान शुरू हो चुका है। किसानों ने कहा कि पानी की कमी के कारण बाजरे के पौधे नष्ट होने लगे हैं। उन्होंने कहा कि यदि बारिश ने आगामी दो से तीन दिन भी इंतजार करवाया तो फसल में काफी नुकसान होगा। फसल में लगा सकते है पानी : डा. कौशिक

दादरी कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में कार्यरत कृषि विशेषज्ञ डा. राजेंद्र कौशिक ने कहा कि वैसे तो बाजरे की फसल में सिचाई बहुत कम की जाती है। लेकिन तेज धूप के कारण यदि पौधों को नुकसान पहुंच रहा है तो किसान फसल में दूसरे वैकल्पिक साधनों के जरिए सिचाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बाजरे की फसल दोपहर में मुरझा रही है तो किसानों को अधिक चितित होने की आवश्यकता नहीं है और वे आगामी दो से तीन दिन तक बारिश का इंतजार कर सकते हैं। लेकिन यदि सुबह के फसल मुरझा रही है तो उस फसल में पानी की सख्त आवश्यकता है और पौधे नष्ट होने का खतरा है ऐसे में किसान इन फसलों की सिचाई कर बारिश होने तक उन्हें नष्ट होने से बचा सकते हैं।

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