चीन से तनातनी बढ़ी तो फुटवियर उद्यमियों ने अपने देश में ही ढूंढा कच्चा माल, सिगापुर व जर्मनी से मंगवाए जाने लगे कैमिकल

पहले कोरोना और अब चीन से बॉर्डर पर तनातनी की वजह से आयात प्रभावित हुआ तो यहां के फुटवियर उद्यमियों ने अपने देश में ही कच्चा माल ढूंढ निकाला है। कच्चे माल को चीन से आयात करने की बजाय इस मुश्किल घड़ी में फुटवियर उद्यमियों ने स्थानीय उत्पादों को ही बढ़ावा देना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 06:30 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 06:30 AM (IST)
चीन से तनातनी बढ़ी तो फुटवियर उद्यमियों ने अपने देश में ही ढूंढा कच्चा माल, सिगापुर व जर्मनी से मंगवाए जाने लगे कैमिकल
चीन से तनातनी बढ़ी तो फुटवियर उद्यमियों ने अपने देश में ही ढूंढा कच्चा माल, सिगापुर व जर्मनी से मंगवाए जाने लगे कैमिकल

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : पहले कोरोना और अब चीन से बॉर्डर पर तनातनी की वजह से आयात प्रभावित हुआ तो यहां के फुटवियर उद्यमियों ने अपने देश में ही कच्चा माल ढूंढ निकाला है। कच्चे माल को चीन से आयात करने की बजाय इस मुश्किल घड़ी में फुटवियर उद्यमियों ने स्थानीय उत्पादों को ही बढ़ावा देना शुरू कर दिया है।

फुटवियर में प्रयोग होने वाला कपड़ा चीन की बजाय अब अमृतसर, लुधियाना व सूरत से मंगवाया जाने लगा है। चूंकि फुटवियर में प्रयोग होने वाला कई तरह का कैमिकल भारत में नहीं बनता तो यहां के उद्यमियों ने पीयू कैमिकल समेत अन्य कैमिकल चीन की बजाय दूसरे देशों से मंगवाना शुरू कर दिया है। उद्यमियों ने सिगापुर व जर्मनी से कैमिकल का आयात शुरू किया है। कपड़ा और कैमिकल के बाद उद्यमियों ने जूते में प्रयोग होने वाला सोल खुद ही बनाना शुरू किया है। हालांकि चीन से आकर्षक डिजाइन के सोल आते थे मगर यहां पर फिलहाल साधारण सोल से काम चलाया जा रहा है। हालांकि सोल का ज्यादा प्रयोग एक माह बाद ही शुरू होगा। वैसे फुटवियर इंडस्ट्री में करीब 50 फीसद कच्चा माल चीन से आयात होता है। कपड़ा, रैग्जीन, प्लास्टिक का दाना, मशीनरी समेत काफी सामान चीन से ही आता है। अकेले बहादुरगढ़ में ही करीब छह-सात करोड़ का कच्चा माल चीन से आयात होता है। यह है बहादुरगढ़ में फुटवियर कारोबार की स्थिति:

2 हजार छोटी बड़ी इंडस्ट्री हैं बहादुरगढ़ में

20 हजार करोड़ सालाना टर्न ओवर

10 से 15 फीसद फुटवियर एक्सपोर्ट होता है

50 फीसद फुटवियर बहादुरगढ़ में बनाया जाता है देश का

35 फीसद फुटवियर पर इंपोर्ट ड्यूटी है मौजूदा समय में

1 लाख लोग सीधे तौर पर फुटवियर इंडस्ट्री में काम करते हैं

45-50 फीसद फुटवियर होता है आयात भारत में

01 लाख करोड़ का फुटवियर का कारोबार पूरे भारत में नोट: ये आंकड़े बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क एसोसिएशन के वरिष्ठ उपप्रधान नरेंद्र छिकारा से लिए गए हैं।

ग्रुप बनाकर वोकल फॉर लोकल के लिए उद्यमी हुए एकजुट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोकल फॉर लोकल के संदेश पर यहां के साढ़े 500 से ज्यादा उद्यमी स्थानीय उत्पाद को लेकर एकजुट हो गए हैं। यहां के पांच-छह उद्यमियों ने सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर दिल्ली व अन्य प्रदेशों से सामान मंगवाने की बजाय बहादुरगढ़ के ही उत्पाद को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया था। अब उद्यमी एक-दूसरे से जानकारी सांझा कर सामान का ऑर्डर भी देने लगे हैं। इन उद्यमियों ने सोशल मीडिया ग्रुप पर अपने उत्पादन की जानकारी सांझा करने के लिए रविवार का दिन चुन रखा है। यहां पैकेजिग, प्लास्टिक व लोहे से तैयार होने वाले उत्पाद उनसे संबंधित दूसरी बड़ी फैक्ट्रियों में प्रयोग हो जाते हैं। इसीलिए इन उत्पादों को अब बढ़ावा भी मिल रहा है।

फुटवियर इंडस्ट्री में चीन से सोल, कपड़ा व पीयू कैमिकल समेत कई तरह के कैमिकल मंगवाते थे। बहादुरगढ़ में इस सामान का चीन से निर्यात करीब छह-सात करोड़ का है। फिलहाल कोरोना और चीन से तनातनी की वजह से इंपोर्ट प्रभावित हुआ तो अब सभी उद्यमी अमृतसर, लुधियाना व सूरत से कपड़ा मंगवाने लगे। कैमिकल सिगापुर व जर्मनी से मंगवाने लगे। सोल की फिलहाल ज्यादा जरूरत नहीं है।

नरेंद्र छिकारा, वरिष्ठ उपप्रधान, बहादुरगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन।

फुटवियर में प्रयोग होने वाले कैमिकल व गलू चीन से मंगवाए जाते थे। अब ये चीजें दूसरे देशों से मंगवाई जाने लगीं। इनमें दुबई से भी काफी सामान आने लगा। दुबई एक तरह का बाजार है जहां सभी देशों का सामान मिल जाता है। ऐसे में यहां के उद्यमियों ने दुबई के बाजार से भी कच्चा माल लेना शुरू कर दिया है।

प्रवीण गर्ग, पूर्व महासचिव, बहादुरगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन। मैं चीन से इलेक्ट्रोनिक्स का सामान निर्यात करता था। इनमें बेसिक कंपोनेंट शामिल हैं। यह सारा सामान इंडस्ट्री में प्रयोग होता है जो भारत में कहीं पर भी नहीं बनता। ऐसे में चीन से तनातनी बढ़ी तो अब जापान व जर्मनी से सामान मंगवाया जाने लगा। हालांकि यह सामान चीन के मुकाबले काफी महंगा है, मगर चीन से ज्यादा अच्छा है।

नवीन मल्होत्रा, उद्यमी, गणपति धाम इंडस्ट्रियल एरिया, बहादुरगढ़।

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