अफसरों पर डाली साढ़े छह लाख की रिकवरी

By Edited By: Publish:Tue, 31 Dec 2013 01:04 AM (IST) Updated:Tue, 31 Dec 2013 01:04 AM (IST)
अफसरों पर डाली साढ़े छह लाख की रिकवरी

जागरण संवाद केंद्र, बहादुरगढ़ : सरकारी लीपापोती के कुचक्र में फंसे आसौदा गाव के स्टेडियम में अधूरा पड़ा निर्माण कार्य फिर शुरू हो गया है। स्टेडियम के लगभग हर मद में कार्य बकाया है। कल तक बजट से ज्यादा पैसा खर्च किए जाने की बात कहने वाले अधिकारियों की ओर से अब यहा कार्य कराया जा रहा है। खास बात तो यह है पंचायत विभाग के अधिकारी जितना पैसा सरकार से मिलने की बात कह रहे है, उससे ढाई लाख ज्यादा का खर्च जाच कमेटी ने अपनी असेसमेंट रिपोर्ट में दिखाई है।

इस बीच विभाग के मुख्य अभियंता ने कार्य की खामियों और लापरवाही पर कड़ा संज्ञान लेते हुए तत्कालीन अधिकारियों पर साढ़े छह लाख की रिकवरी डाल दी है। यहा भेजे गए निर्देश पत्र में साफ है कि यह राशि अधिकारियों और कर्मचारियों से वसूली जाए। बता दें कि गाव की दादा बूढ़ा मंदिर समिति के लगातार प्रयासों और दैनिक जागरण की ओर से इस मामले को उठाये जाने के बाद विभाग में दोबारा हलचल देखने को मिली है। साथ ही काफी दिन से टालमटोल कर रहे अधिकारियों ने अब समिति की ओर से आरटीआइ के तहत मागी गई जानकारी तो दे दी है मगर कई बिंदुओं पर जवाब आधे-अधूरे है। इतना ही नहीं अधिकारियों ने इस स्टेडियम के निर्माण के लिए तो 44 लाख 59 हजार 750 रुपये मिलने की बात कही है, मगर जब जाच कराई गई तो दो साल पहले की रिपोर्ट में कमेटी ने इस कार्य पर 47 लाख 12 हजार 607 रुपये खर्च होने की असेसमेंट जितनी राशि मिलने की बात कही है। ऐसे में ग्रामीण हैरान है कि आखिर ढाई लाख ज्यादा जो खर्च हुए है तो वे पैसे क्या आसमान से बरसे थे, जो अफसरों ने खर्च कर दिए?

समिति ने डाली अपील

गाव की दादा बूढ़ा समिति के प्रधान जय सिंह व सदस्य मनोज कुमार का कहना है कि इस मामले में अधूरे कार्य और आरटीआइ से मिली अधूरी जानकारी के खिलाफ उन्होंने प्रथम अपीलीय अधिकारी के यहा अपील की है। इसकी सुनवाई अगले महीने होनी है। सबसे पहले तो यही सवाल है कि कार्य भी अधूरा है और अधिकारी बजट से भी ज्यादा का कार्य करने की बात कह रहे है।

यह है मामला

दरअसल आसौदा गाव में दादा बूढ़ा मंदिर के पीछे जमीन पर स्टेडियम के निर्माण के लिए वर्ष 2008-09 में सरकार की ओर से 44 लाख से ज्यादा राशि जारी कर दी गई थी लेकिन स्टेडियम निर्माण में 15 मदों पर जो राशि खर्च होनी थी वह खाते से तो निकल गई लेकिन जमीन पर उससे या तो कुछ मद में कार्य हुआ ही नहीं या फिर हुआ तो वह आधा-अधूरा है। चार साल में जो कुछ यहा हो पाया है उसके लिए भी मंदिर की समिति के सदस्यों और गाव के लोगों ने एड़ी चोटी का जोर लगाया, तब जाकर बात बनी।

यह थी बजट की स्थिति

सरकार की ओर से इस स्टेडियम के निर्माण के लिए 17 अपै्रल 2008 को 28 लाख 69 हजार 750, 20 अगस्त 2009 को 11 लाख 40 हजार और 18 मई 2009 को 4 लाख 50 हजार रुपये जारी किए गए। इसके तहत पंचायत विभाग की ओर से 10 अगस्त 2008 को तथा 7 जुलाई 2010 को स्टेडियम की चाहरदीवारी कमरों का निर्माण पूरा हुआ दिखाया गया है। इसी सिलसिले में गठित एक जाच कमेटी ने अपनी नवंबर 2011 की रिपोर्ट में इस कार्य पर ज्यादा पैसा खर्च होने की रिपोर्ट दी है।

मुख्य अभियंता का मिल चुका पत्र : एसडीओ

पंचायत विभाग के एसडीओ राजपाल का कहना है कि मुख्य अभियंता की ओर से जो पत्र भेजा गया है उसमें इस कार्य में खर्च हुई साढ़े छह लाख की राशि का हिसाब नहीं मिल रहा है, इसलिए यह राशि अधिकारियों और कर्मचारियों से वसूल किए जाने के आदेश दिए गए है।

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