सरकारी अस्पतालों में प्रसव के लिए बढ़ा विश्वास

ट्विन सिटी के सरकारी अस्पतालों में प्रसव के लिए महिलाओं का भरोसा बढ़ने लगा है। जिले में वर्ष 2019 में सरकारी अस्पतालों में 72.94 फीसद प्रसव हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 06:25 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 06:25 AM (IST)
सरकारी अस्पतालों में प्रसव के लिए बढ़ा विश्वास
सरकारी अस्पतालों में प्रसव के लिए बढ़ा विश्वास

कपिल कुमार, अंबाला शहर

ट्विन सिटी के सरकारी अस्पतालों में प्रसव के लिए महिलाओं का भरोसा बढ़ने लगा है। जिले में वर्ष 2019 में सरकारी अस्पतालों में 72.94 फीसद प्रसव हुए हैं। जबकि निजी चिकित्सालयों में 27.06 फीसद प्रसव हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार हर साल सरकारी अस्पतालों में महिलाओं के प्रसव का ग्राफ निरंतर बढ़ता जा रहा है। वहीं सीएचसी व पीएचसी पर भी लोगों को सरकारी अस्पतालों में प्रसव के लिए जागरूक किया जाता है।

मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से आशा वर्कर और एएनएम घर-घर जाकर जाकर लोगों को सरकारी अस्पतालों में प्रसव करने के लिए जागरूक करती है। मुख्यालय के सख्त निर्देश है कि घरों पर डिलीवरी पूरी तरह से बंद की जाएगी। गांव से लेकर शहर में संस्थागत प्रसव पर जोर दिया जाए, इसके लिए गांव में गर्भवतियों को जागरूक किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के निरंतर प्रयास से सरकारी अस्पतालों में प्रसवों का ग्राफ बढ़ा है। जिले में वर्ष 2019 में सरकारी अस्पतालों में 6546 महिलाओं के प्रसव हुए हैं। जबकि निजी अस्पतालों में 2429 महिलाओं के प्रसव हुए हैं। अच्छी बात यह है कि जिले में घरों में प्रसव करने की प्रथा धीरे-धीरे खत्म होने लगी है। वर्ष 2019 में गांव में केवल 3 प्रसव ही घर में कराए हैं।

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कहां कितने प्रसव कराए गए संस्था वर्ष 2019 फीसद

सरकारी अस्पताल 6546 72. 94

निजी अस्पताल 2429 27.06

घर पर 3 .03 ----------

वर्जन

स्वास्थ्य विभाग के प्रयास से हर साल सरकारी अस्पतालों में प्रसवों की संख्या बढ़ रही है। इसके लिए गांव और शहर में महिलओं को जागरूक भी किया जाता है।

डा. संगीता अरोड़ा, डिप्टी सिविल सर्जन, स्वास्थ्य विभाग

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